Agra. 9 अक्टूबर को यानी आज पूरी दुनिया में विश्व डाक दिवस (World Post Day) मनाया जा रहा है। क्योंकि आज ही के दिन स्विटजरलैंड के बर्न में 1874 में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थानपना हुई थी। 1969 में जापान की राजधानी टोक्यो में हुए यूपीयू कांग्रेस में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में घोषित किया गया था। आगरा के प्रधान डाकघर की ओर से भी विश्व डाक दिवस पर राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन किया गया है।
9 से 16 अक्टूबर तक होंगे आयोजन
आगरा परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल राजीव उमराव ने बताया कि विश्व डाक दिवस को राष्ट्रीय डाक सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। आज 9 अक्टूबर को बैडमिंटन टूर्नामेंट सम्पन्न हुआ तो वहीं 11 को प्रधान डाकघर में बचत बैंक दिवस मनाया जाएगा। जिसमें बचत योजनाओं में उत्कृष्ट व्यवसाय करने वाले एजेंटों को सम्मनित किया जाएगा। 12 अक्टूबर को डाक बीमा दिवस के अवसर पर पीएलआई शतरंज प्रतियोगिता होगी। 13 अक्टूबर को फिलेटेली दिवस पर “आगरा दरी” पर एक स्पेशल कवर फतेहपुर सीकरी में जारी किया जाएगा। 14 अक्टूबर को व्यावस्याए विकास दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। 16 अक्टूबर को सभी मंडलों में मेल दिवस पर ग्राहक संगोष्ठी होगी।
यह सबसे पुरानी संचार सेवा है
डाक सेवा संचार की सबसे पुरानी विधि के रूप में जानी जाती है। आज आधुनिक जमाने के साथ ही डाक सेवा बहुत ही पुराने समय से चल रही है। डाक दिवस के रूप में जब लोक संचार के पूराने संसाधनों को याद करते हैं तो वे यह जानकर सोच में पड़ जाते हैं कि पहले लोगों का जीवन कितना अलग था। कुछ तो अपने यहां चिट्ठी आने या किसी को चिट्ठी लिखने बातें याद आ जाती हैं।
विश्व डाक दिवस का इतिहास
विश्व डाक दिवस का इतिहास 1840 से शुरू होता है। ब्रिटेन में सर रॉलैंड हिल एक नई व्यवस्था को शुरू किया था जिसमें पत्र तैयार किए जाते थे। उन्होंने यही भी नियम बनाया कि स्थानीय सेवा के विशेष वजन के लिए एक तय शुल्क लगेगा। कहा जाता है कि उन्होंने ही दुनिया की पहली अंतरराष्ट्रीय डाक सेवा शुरू की थी।
पुरानी नहीं आधुनिक हुई डाक सेवा
आगरा परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल राजीव उमराव ने बताया कि जैसे जैसे समय बदला है। पोस्ट सेवा भी आधुनिक हुई है। चिट्ठी और तार से शुरू हुई सेवा आज इंटरनेट से संचालित हो रही है। मैसेज आपको जल्द आए जल्द मिल जाता है और पार्सल डाकघर में आने के दो दिन बाद आपके पास होता है। आप अपने पार्सल व अन्य चीज की ऑनलाइन चेकिंग कर सकते है।
अंतर्देशीय और पोस्टकार्ड में आई कमी
विश्व डाक दिवस की पूर्व संध्या पर मून ब्रेकिंग से चर्चा करते हुए आगरा परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल राजीव उमराव ने बताया कि समय के साथ डाकघर ने अपने आप को बदला है और जो आज की जरूरत है उसे अपनाया है। पहले हर काम के लिए हम अंतर्देशीय और पोस्टकार्ड का इस्तेमाल करते थे लेकिन इस समय दोनों में कमी आई है। जिसका खेद है लेकिन लोग आज भी अपना रहे है।
आज भी चिट्टी पहुँच रही है घर-घर
राजीव उमराव ने बताया कि आज भी कार्यप्रणाली नहीं बदली है। पोस्टमैन आपकी चिट्ठी लेकर आपके घर पहुँचता है। वो अलग बात है कि अब चिट्टी की अपेक्षा पार्सल अधिक होते है लेकिन साईकल पर चलने वाला पोस्टमैन आज भी नहीं बदला है।
बैंकिंग सेक्टर भी संभाल रहा है डाकघर
आगरा परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल राजीव उमराव ने बताया कि डाकघर आज बैंकिंग सेवा को भी संभाले हुए है। पोस्ट आफिस के माध्यम से लोगों को बचत खाते, फिक्स डिपाजिट, किसान पत्र, नेट बैंकिंग, बीमा व अन्य सुविधाएं मिल रही है तो वही सरकार की कई योजनाओं को भी अमली जामा पहनाया जा रहा है।
डाकघर से जुड़े हर व्यक्ति
राजीव उमराव ने बताया कि आज ग्रामीण परिक्षेत्र को डाकघर कवर करने में लगा हुआ है। आज हमारा पोस्टमैन डाक, पार्सल से लेकर बीमा करने तक आम व्यक्ति तक पहुँच रहा है। इसको और दुरुस्त करना है जिससें डाकघर से हर व्यक्ति व परिवार जुड़ सके।