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Corona Effect : विश्व पक्षी प्रवास दिवस पर इस बार नहीं होगा कोई कार्यक्रम

by admin

आगरा। पूरे विश्व भर में पक्षियों की लुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण करने और प्रवासी पक्षियों में आई कमी को ध्यान में रखते हुए मई के दूसरे शनिवार को विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जाता है। इस दौरान सरकार व पक्षियों से जुड़े संगठन कई जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करते है लेकिन इस बार कोरोना संकट के कारण 9 मई को यह दिवस बिना किसी कार्यक्रम के ही सम्पन्न होगा।

विश्व में प्रवासी पक्षियों की लुप्त हो रही प्रजाति से सभी चिंतित है इसलिए विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य संकटग्रस्त प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण की आवश्यकता पर जागरूकता उत्पन्न करना है। 2006 में मई के दूसरे शनिवार से विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जा रहा है जिससे की मानव प्रजाति किसी भी प्रवासी पक्षियों का शिकार न करें। दुनिया में घटती पक्षियों की संख्या का होना पर्यावरण के लिए नुकसान देय होता है। जीवन के विविध रूपों में पक्षी जैसे अपने रंग रूप आकर आवाज के कारण सबसे अधिक आकर्षक / मोहित करने वाला रूप होता है विभिन्न प्रवासी पक्षी प्रवास के लिए सैकड़ों मील की दूरी तक यात्रा करते हैं और जलस्रोत के किनारे दो से तीन महीने के लिए अपना डेरा डालने के बाद लौट जाते हैं। ख़ास बात यह है कि जिस रास्ते से आते हैं उसी से लौटते हैं। यह जलवायु के अनुसार साल में दो बार एक बार मई और दूसरी बार अक्टूबर में आते है जहाँ इनके लिए भोजन, प्रजनन हेतु आवास उनकी शारीरिक संरचना के अनुकूल वातावरण रहता है।

आगरा मंडल में या यू कहें आगरा के पर्यटन के क्षेत्र जैसे कीठम, पटना पंछी बिहार, भरतपुर बर्ड इनके प्रवास स्थलों में शामिल है। वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना का कहना है कि दूसरे देश से आने वाले पक्षियों को जब वहां अनुकूल मौसम नहीं मिलता है, तो वह दूसरे देश का रुख करते हैं। जहां सर्दी ज्यादा पड़ती है, तो प्रवास पर निकलते हैं और जहां गर्मी ज्यादा पड़ती है तो ठंडे इलाकों की तरफ प्रवास करने निकलते हैं। उन्होंने बताया कि तिब्बत, मंगोलिया, चीन, आस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी पक्षी प्रवास पर निकलते हैं। एक झुंड में यह चलते हैं और 20 से 25 दिन तक कुछ समय कहीं ठहरने के पश्चात फिर वातावरण के अनुकूल मूवमेंट कर सकते हैं। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस के दौरान देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इन कार्यक्रमों के माध्यमों से सरकार लोगों को पक्षियों के प्रति जागरूकता करती है।

वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना ने बताया जैसे हमें रोटी, कपड़ा और मकान की ज़रूरत होती है इसी तरह सभी तरह के जानवर व पक्षियों को होती है। सरकार को प्रवासी पक्षियों के खाने व रहने की सुरक्षा के लिए बजट के साथ अच्छे वाइल्ड लाइफ स्टाफ की व्यस्था करनी चाहिए।

सरकार के इस जागरूकता अभियान को आगे बढ़ने में प्रवासी पक्षी दिवस ले अवसर पर लोकस्वर संस्था ने लोगों से अपील कि मानव इस समय लुप्त हो रहे पक्षियों का शिकार न करें जिससे कि विश्व से लुप्त होती प्रजतियों को बचाया जा सकें जिससे पर्यावरण बचाने के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।

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