Agra. शनिवार से विश्व धरोहर सप्ताह की शुरुआत हो गई। विश्व धरोहर सप्ताह 19 नवंबर से 25 नवंबर तक चलेगा। इसका मुख्य उद्देश्य है कि स्मारकों को सहेजना, उसका संरक्षण और देसी विदेशी पर्यटकों को उनसे रूबरू कराना है। आगरा किला में आयोजित कार्यक्रम से शुरू हुआ विश्व धरोहर सप्ताह का समापन 25 नवंबर को फतेहपुर सीकरी में किया जाएगा।
विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन आगरा किले में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में से एक वाद विवाद प्रतियोगिता भी थी जिसका मुख्य विषय ‘ऐतिहासिक स्मारकों को सहेजने और संरक्षण में युवाओं की भूमिका’ था। इस वाद विवाद प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। ऐतिहासिक स्मारकों को सहेजने और संरक्षण में युवाओं की भूमिका के पक्ष और विपक्ष में युवाओं ने खुलकर अपने विचार रखें।
कुछ युवाओं ने कहा कि युवाओं की प्राथमिकता इस समय से इस अपने रोजगार को लेकर है। अगर एएसआई विभाग द्वारा इन ऐतिहासिक स्मारकों को सहेजने और संरक्षण को लेकर कुछ विशेष योजना चलाई जाती है तो युवा इसमें भागीदारी कर सकता है लेकिन वह भी कुछ हद तक। कुछ छात्रों ने कहा कि देश की बागडोर वैसे भी युवाओं के कंधे पर रहती है। ऐसे में युवा ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और सहेजने में लोगों को जागरूक करने में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है लेकिन इसके लिए उसे उचित अधिकार और विभाग का सहयोग भी चाहिए होगा।
विरासत को खराब कर रहे हैं कुछ युवा
भारत में विश्व धरोहरों एवं विरासतों की भरमार है। प्राचीन काल से लेकर विद्युत काल तक की सैकड़ों इमारत भारत में हैं जो विभिन्न धर्मों एवं समाज से हैं। कई ऐसी इमारत हैं जो बिखरी हुई हैं। आवश्यकता है उन बिखरी हुई विरासतों को संवार एवं उनका संरक्षण कर दुनिया के सामने लाया जाने की। भारतीय सर्वेक्षण विभाग इस दिशा में काम कर रहा है लेकिन कुछ लोग इन विरासतों को खराब करने में लगे हुए हैं। अक्सर ताजमहल और लाल किले की दीवारों पर आपको युवाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के नाम लिखे हुए मिल जाएंगे तो कोई अपनी मोहब्बत को इतिहास के पन्नों में दर्ज करने के लिए इन दीवारों पर दिल बनाकर अपनी और अपनी प्रेमी प्रेमिका का नाम लिख देते हैं। इस तरह से सहेज के रखी हुई ऐतिहासिक स्मारक भी खराब हो रही हैं।
पर्यटकों को निशुल्क प्रवेश
विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन पर्यटकों के लिए सभी ऐतिहासिक स्मारकों में निशुल्क प्रवेश रखा गया था। देसी हो या फिर विदेशी पर्यटक सभी इन ऐतिहासिक स्मारकों का नि:शुल्क दीदार कर रहे थे। ताजमहल पर मुख्य गुंबद तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए टिकट अनिवार्य किया गया था। निशुल्क प्रवेश पाकर पर्यटकों के चेहरे उसी से खिले हुए थे। विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन स्कूली बच्चों की संख्या अधिक देखने को मिली।
सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी
नि:शुल्क प्रवेश और वीकेंड होने के चलते ताजमहल पर पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ पड़ी। अच्छी खासी संख्या में पर्यटक मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने के लिए पहुंचे थे। निशुल्क प्रवेश होने के चलते पर्यटकों की भीड़ अन्य दिनों की अपेक्षा दुगनी हो गई, कुछ लोग तो वीकेंड का प्लान करके ही ताज निहारने आए थे। ताज़ सुरक्षा में पुलिसकर्मी भी जगह-जगह तैनात रहे। पर्यटकों की अच्छी खासी लाइन भी देखने को मिली लेकिन पुलिसकर्मी, एसआई विभाग के कर्मचारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटे रहे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा मंडल के पुरातत्व अधीक्षक राजकुमार पटेल ने बताया कि विश्व धरोहर सप्ताह का मुख्य उद्देश्य देसी विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ आम लोगों को अपने ऐतिहासिक स्मारकों के प्रति जागरूक बनाना है, जिससे वह इन ऐतिहासिक स्मारकों को सहेजने और उनकी संरक्षण में अपना योगदान दे सकें।