आगरा। थाना हरीपर्वत पुलिस ने दुष्कर्म के फर्जी मामले में युवक को फंसाने पर फर्जी दुष्कर्म पीड़िता और उसका साथ देने वाले तीन वकीलों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही दो अन्य वकील फरार हैं। इस मामले में मुकदमा लिखा कर युवक से सौदा किया गया था, जिसमें 3 लाख रुपए पुलिस ने बरामद कर लिए हैं।
बता दें कि थाना हरी पर्वत में एक महिला द्वारा राहुल और उसके परिवारीजनों के खिलाफ रेप का मुकद्दमा लिखवाया गया था। पुलिस ने आईपीसीसी 376, 504, 506, 328 जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना में पुलिस को मामला पूरी तरह से फर्जी मिला। थाना प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने इस की जानकारी अधिकारियों को दी। पूरे मामले में महिला के साथ 5 वकीलों ने युवक से ठगी की थी। झूठा केस निकलने पर पुलिस ने 182,195, 388, 384,420 में मुकदमा दर्ज कर महिला और उसका साथ देने वाले तीन वकीलों को जेल भेज दिया है। पुलिस ने वकील जितेंद्र राजपूत, निशांत कुमार और शेखर प्रताप को जेल भेजा है।
वादी और प्रतिवादी पक्ष के वकीलों ने मिलकर पैसों का बंटवारा किया था। पुलिस ने लगभग तीन लाख रुपए भी बरामद किए हैं। आगरा पुलिस की वकीलों पर हुई इस कार्रवाई से शहर में हड़कंप मच गया है।
पहले भी कई निर्दोषों को बचा चुके हैं इंस्पेक्टर अरविंद कुमार
थाना हरीपर्वत प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने दुष्कर्म जैसे कई संगीन मामलों में निर्दोष व्यक्तियों को फसने से बचाया है। इससे पहले जब वह थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक थे, तब रनकता क्षेत्र की एक महिला ने दो युवकों पर गैंगरेप का झूठा आरोप लगाया था। पुलिस ने सख्ती से जांच की तो कुछ घंटों में ही पूरा मामला खुलकर सामने आया और निर्दोषों की जान बची थी।