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लॉकडाउन के दौरान वाइल्डलाइफ एसओएस कर रहा है जानवर बचाने का सराहनीय कार्य

by admin

आगरा। वाइल्डलाइफ एसओएस कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा में बंदरों, पक्षियों और कई प्रकार के सांप को निस्वार्थ भाव से बचा रहा है। जहां COVID19 महामारी ने लोगों को सड़कों से हटा कर घर में कैद कर दिया है, वहीँ वन्यजीवों का शहरवासियों के जीवन में हस्तक्षेप से संबंधित काल में वृद्धि हुई है। वाइल्डलाइफ एसओएस ने देश लॉकडाउन के बीच अपने 24 घंटे वन्यजीव बचाव हॉटलाइन (+91-9917109666) का संचालन जारी रखा हुआ है। अपनी स्वयं की सुरक्षा को खतरे में डालते हुए, गैर-सरकारी संगठन के रेस्क्यू टीम के सदस्य, वन्यजीवों की रक्षा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

COVID 19 महामारी के बीच वाइल्डलाइफ एसओएस की रेस्क्यू टीम के लिए यह सप्ताह बहुत व्यस्त रहा है; घायल बंदरों से लेकर लोगों के घरों में छिपे बैठे सांप से लेकर घायल कोपरसमिथ बारबेट चिड़िया, यह कुछ ऐसे रेस्क्यू हैं जिन्होंने रेस्क्यू टीम को व्यस्त रखा है। संस्था की 24-घंटे हेल्पलाइन (+ 91-9917109666) का संचालन जारी है और 22 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से 10 से अधिक रेस्क्यू कॉल्स को वाइल्डलाइफ एसओएस की रेस्क्यू टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

वाइल्डलाइफ एसओएस ने एक कोपर्समिथ बारबेट को बचाया, जो खंदारी की कॉलोनी में घायल पायी गई थी, एक वुल्फ स्नेक जो सिकंदरा में घर के दरवाजे के बीच फंस गया था और दूसरा जो रुनकता में एक घर के अंदर पाया गया था, कोबरा को शमशाबाद में एक घर से बचाया गया, जबकि एक रैट स्नेक को दयालबाग में एक डॉक्टर के घर से बचाया गया।

बचावकर्मी हर रोज़ बाहर निकल रहे हैं और रेस्क्यू लोकेशन के बीच लंबी दूरी तय कर रहे हैं l स्वास्थ्य और सुरक्षा दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए सभी बचावकर्मियों के पास दस्ताने, फेस मास्क, अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र और सुरक्षित रहने के लिए अन्य आवश्यक उपकरण हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हमारी रेस्क्यू टीम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है l सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करते हुए घर के अंदर रहना और सुरक्षित रहना सबसे एहम है। हम इस बात की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हर रेस्क्यू कॉल को पूरा कर सकें और इसके लिए हम आगरा और मथुरा के जिला प्रशासन, उत्तर प्रदेश वन विभाग और पुलिस के सहयोग के लिए बेहद आभारी हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस के संरक्षण परियोजना के निदेशक, बैजूराज एम.वी ने कहा, “जब संरक्षण की बात आती है तो कोई रोक या आराम नहीं होता और हमारे रेस्कुएर इस बारे में काफी अच्छे से जानते हैं। वे समर्पित हैं और एक घायल जानवर या समुदाय को उनकी ज़रूरत के समय में मदद करने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डालने के लिए तैयार हैं।”

आनंद कुमार, उप-वनसंरक्षक नेशनल चम्बल संचुअरी प्रोजेक्ट ने कहा, “उत्तर प्रदेश वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस संकट में जंगली जानवरों की मदद करने के लिए काम कर रहे हैं। इस संकट के दौर में लोगों और जानवरों की दशा के प्रति संवेदनशील बने रहना आवश्यक है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देशव्यापी भाषण में कहा था की लोगों को जानवरों के प्रति दयालु होना चाहिए क्योंकि वे भी इस लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हो रहे हैं। जानवरों को इस कठिन समय के दौरान भोजन और पानी के की तलाश करना मुश्किल हो रहा है।”

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