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वाइल्डलाइफ एसओएस ने रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से किया कोबरा रेस्क्यू

by admin
Wildlife SOS did cobra rescue from railway station platform

आगरा। पिछले कुछ दिनों में पड़ी कड़ाके की ठंड ने सांपों को गर्म आश्रयों की तलाश करने के लिए मजबूर कर दिया है। वाइल्डलाइफ एसओएस एनजीओ ने कीठम रेलवे स्टेशन से एक कोबरा सांप और आगरा के एक महाविद्यालय से एक अन्य कोबरा को बचाया।

आगरा स्थित कीठम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर रेलवे ट्रैक के समीप ज़हरीले कोबरा सांप को देख वहाँ मौजूद लोगों के बीच दहशत का माहौल पैदा हो गया। प्लेटफार्म के पास रेलवे ट्रैक पर कोबरा को देखते ही स्टेशन अधीक्षक ने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस को हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर इसकी सूचना दी। वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट तुरंत स्थान पर पहुंची और सांप को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया।

एक अन्य घटना में, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने आगरा के कराहरा में श्री श्याम महाविद्यालय से 5 फुट लंबे कोबरा को बचाया। कोबरा महाविद्यालय के गेट के समीप ग्राउंड में बैठा हुआ था। दोनों सांपों को कुछ देर निगरानी में रखने के बाद, वापस जंगल में छोड़ दिया गया।

Wildlife SOS did cobra rescue from railway station platform

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हमारी टीम इस तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन को सुरक्षित रूप से संभालने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित है। हम लोगों के प्रयासों की सराहना करते हैं, जो वक़्त रहते हमें ऐसी किसी भी घटना की सूचना देते हैं और पूर्ण रूप से पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में अपना योगदान भी, जिसके फलस्वरूप हमारी रेस्क्यू टीम इन संकटग्रस्त जंगली जानवरों को रेस्क्यू कर वापस उन्हें जंगल में छोड़ देती है।”

कीठम रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक, प्रमोद कुमार ने कहा, “वाइल्डलाइफ एसओएस ने पहले भी स्टेशन परिसर से सांपों को बचाया है। इस बार भी सांप को देखते ही हमने तुरंत उनसे संपर्क किया। हम उनकी टीम के आभारी हैं।”

बताते चलें कि भारतीय कोबरा 6,600 फीट से अधिक ऊंचाई और अत्यधिक रेगिस्तान को छोड़कर पूरे भारत में खुले जंगलों, मैदानों, कृषि भूमि, चट्टानी इलाकों, आर्द्रभूमि और यहां तक ​​​​कि घनी आबादी वाली मानव बस्तियों में पाए जाते हैं। भारतीय कोबरा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत संरक्षित है।

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