Agra. आज गुड फ्राई डे है जिसे मसीह समाज श्रद्धाभाव के साथ मना रहा है। गुड फ्राई डे को प्रभु यीशू के बलिदान दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह पर्व हर साल ईस्टर संडे से पहले आने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। आज हैवलॉक मेथोडिस्ट चर्च में गुड फ्राई डे मनाया गया और विशेष प्रार्थना की गई। आज भारी संख्या में मसीह समाज के लोग चर्च पहुँचे। जहाँ फादर होरिस लाल ने प्रभु यीशु के जीवन और उनके विचारों व उनके बताए मार्गो से सभी को रूबरू कराया।
क्यों मनाया जाता है गुड फ्राईडे
ऐसी मान्यता है कि मानव जाति की रक्षा के लिए प्रभु यीशू ने बलिदान दे दिया था। यीशू को यहूदी शासकों ने शारीरिक और मानसिक रूप से कई यातनाएं दीं और उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। जिस दिन यीशू को सूली पर चढ़ाया गया था वो दिन शुक्रवार था। इसलिए यह दिन गुड फ्राईडे के रूप में जाना जाता है। इसको लेकर एक और मान्यता है कि सूली पर चढ़ाए जाने के 3 दिन बाद यानी रविवार को ईसा मसीह जीवित हो उठे थे जिसके कारण ईस्टर संडे को जश्न के रूप में मनाया जाता है।
फादर होरिस लाल ने बताया कि प्रभु यीशु ने मानवजाति को बचाने के लिए सभी के पापों को अपने ऊपर ले लिया और उन्हें बचाने के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। ईसाई धर्म को मानने वाले लोग इस दिन घंटी नहीं बजाते हैं। इस दिन चर्च में शांति के साथ प्रार्थना और प्रायश्चित करते हैं। इस दिन लोग प्रभु यीशू से अपने गुनाहों के लिए माफी भी मांगते हैं।
जैकब लाल ने बताया कि गुड फ्राईडे के 40 दिन पहले से उपवास रखते हैं। कुछ लोग केवल शुक्रवार को उपवास करते हैं। गुड फ्राई डे के दिन घर में सजावट की वस्तुओं को ढ़क दिया जाता है। आज के दिन सभी लोग दुख व्यक्त करते हैं।