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लोगों ने क्यों कहा कि भगवान ऐसी औलाद किसी को न दे, पढ़िए ये ख़बर

by admin

आगरा। धोती कुर्ता पहना एक बुजुर्ग सराय ख़्वाजा पुलिस चौकी पर अपने दर्द ए दास्तां पुलिस को सुनाने आया। इसकी कहानी सुनकर एक बार फिर आपको लगेगा आज घोर कलियुग आ चुका है। जिस पिता ने अपनी तीन संतानों को पढ़ा लिखा कर विदेश तक पहुंचा दिया हो, आज वही पिता अपने भरण-पोषण और रहने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। यह दुःखी पिता सुनहरी लाल वर्मा मलपुरा थाना क्षेत्र के अजीजपुर का रहने वाला है। सुनहरी की तीन संतान हैं जिसमें से एक बेटा ऑस्ट्रेलिया में रहता है, एक बेटा हैदराबाद और एक बेटा शाहगंज थाना क्षेत्र के अर्जुन नगर में रहता है। बावजूद इसके एक दुखियारी पिता को किसी ने भी कोई सहारा नहीं दिया। जिस संतान को पढ़ा लिखा कर उसने काबिल बनाया आज वहीं संतानें अपने पिता को पीठ दिखा चुकी हैं। यह दुखी पिता कुछ दिन रामलाल वृद्ध आश्रम में रहा और अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

सवाल इस बात का है कि तीन बच्चों का या पिता अपना हक मांगने के लिए पिता न्यायालय तक गया। न्यायालय ने पिता के भरण-पोषण के लिए ₹6000 प्रति माह का आदेश दिया। फिर भी इस पिता को अभी तक कोई भरण-पोषण नहीं मिला है और भरण पोषण पाने के लिए चौकी थाने से लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रहा है।

एक दुःखी पिता के मुंह से कलियुगी बच्चों की यह दास्तान सुनकर हर कोई हैरत में पड़ गया है। सुनने वाला हर व्यक्ति केवल एक ही बात कह रहा था कि भगवान ऐसी औलाद किसी को ना दें। जिस औलाद की वजह से एक पिता ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर उन्हें विदेशों तक पहुंचाया हो आज वही संतान अपने दुखी पिता का हाल-चाल लेने की बजाय उससे मुंह मोड़ रही है।

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