आगरा। चाँद सितारे वाले इस्लामिक झंडे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है। यह याचिका उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने दायर की है और यह तर्क दिया है कि इस इस्लामिक झंडे के कारण साम्प्रदायिक तनाव पनपता है। इतना ही नहीं इस झंडे का इस्लाम धर्म से कोई सम्बन्ध नहीं है। इसलिये मुस्लिम धर्मावलंबियों के चांद-सितारे वाले इस्लामिक झंडे पर रोक लगा दी जाए।
वसीम रिजवी ने अपनी अर्जी में कहा है कि यह झंडा पाकिस्तान और जिन्ना की मुस्लिम लीग के झंडे से मिलता है। मुस्लिम इलाकों में इसे फहराये जाने पर सांप्रदायिक तनाव पैदा होता है। इस तर्क के आधार पर रिजवी ने इस पर रोक लगाने की मांग की है। रिजवी ने यह भी तर्क दिया है कि इस झंडे का इस्लाम धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कहा है कि पैगंबर मोहम्मद के समय सफेद या काले रंग का झंडा इस्तेमाल किया जाता था। रिजवी के मुताबिक इस झंडे का इस्तेमाल जिन्ना व अन्य ने शुरू किया था। रिजवी ने कहा कि 1906 में मुस्लिम लीग ने इस फ्लैग को बनाया था। इस्लाम में इस तरह के किसी फ्लैग की कोई मान्यता नहीं है।
वसीम रिजवी ने कहा कि यह पॉलिटिकल फ्लैग था जो गुलाम हिंदुस्तान में था। आजादी के बाद पाकिस्तान ने इसमें एक सफेद पट्टी लगा अपना राष्ट्रीय झंडा बना लिया।