Home » गर्दन फंसी तो एडीए अधिकारी ने जारी कर दिए बैकडेट में नोटिस, मुख्य आरोपी की जगह दूसरे को किया तामील, फिर भी गिर गयी गाज

गर्दन फंसी तो एडीए अधिकारी ने जारी कर दिए बैकडेट में नोटिस, मुख्य आरोपी की जगह दूसरे को किया तामील, फिर भी गिर गयी गाज

by admin

Agra. भ्रष्टाचार के लिए सुर्खियों में रहने वाले आगरा विकास प्राधिकरण विभाग के अधिकारी अपनी नैतिक जिम्मेदारी के प्रति किस हद तक लापरवाही करते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण सिटी स्टेशन पर जमीदोंज हुई तीन मंजिला इमारत और उस हादसे में गई मासूम की जान है। पहले तो सुविधा शुल्क के चलते खुदाई को रोकने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की लेकिन जब हादसा हुआ तो लापरवाह अधिकारी अपने आप को बचाने के लिए हादसे के बाद आरोपी के नाम पर नोटिस तामिल करा देता है लेकिन यह नोटिस आरोपी के नाम के ही दूसरे व्यक्ति को दे दिए जाते हैं जिससे लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारी यह कह कर बच सके कि खुदाई रोकने के लिए पहले ही आदेश जारी कर दिए गए थे और उस पर जुर्माना भी लगाया गया था।

बेसमेंट खुदाई के चलते जमीदोंज हुई तीन मंजिला इमारत

यह पूरा मामला सिटी रोड स्टेशन का है। यहाँ पर टीला माईथान में। बेसमेंट की खुदाई चल रही थी और इसी बेसमेंट की खुदाई के चलते पास का एक 3 मंजिला मकान जमींदोज हो गया और उस मकान के जमींदोज होने से एक मासूम की जान चली गई। इस घटना से आगरा विकास प्राधिकरण में भी हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अपनी गर्दन बचाने के लिए अधिशासी अभियंता अनुराग चौधरी ने बैक डेट में नोटिस जारी कर दिया। इतना ही नहीं जिस नाम से यह नोटिस जारी किया गया था, उसी नाम के दूसरे व्यक्ति को यह नोटिस तामील करा दिए। नोटिस जारी करने की तिथि 23 जनवरी की थी और घटना आज यानी 26 जनवरी को हो गई थी।

अधिशासी अभियंता पर चला एडीए वीसी का चाबुक

शाम होते होते बैक डेट में नोटिस जारी करने का मामला एडीए वीसी तक पहुँच गया और कुछ देर में मीडिया की सुर्खियां भी बन गया। एडीए वीसी ने तुरंत इस पर एक्शन लिया और तत्काल प्रभाव से अधिशाषी अभियंता अनुराग चौधरी पर कार्यवाही करते हुए उन्हें अपने पद से हटा दिया।

प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी विकास नियोजन को लिखा पत्र

एडीए वीसी चर्चित गौड़ ने अधिशासी अभियंता अनुराग चौधरी पर विभागीय कार्रवाई करने के साथ-साथ प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी विकास नियोजन को भी पत्र लिख दिया। उसमें लिखा गया कि ‘आगरा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले सिटी स्टेशन रोड पर बेसमेंट की खुदाई के चलते एक इमारत जमींदोज हो गई जिसमें एक मासूम की जान चली गई। इस दुर्घटना में जान और माल दोनों की हानि हुई। इस घटना के बाद अधिशासी अभियंता अनुराग चौधरी ने अपने हस्ताक्षर करे हुए एक नोटिस बैक डेट में जारी कर दिया जो 23 जनवरी को दिखाया गया। यह नोटिस निर्माणकर्ता को नहीं बल्कि उसके मिलते जुलते नाम वाले व्यक्ति को जबरदस्ती तामील करा दिया। इस पूरी घटना से विभाग की छवि धूमिल हुई है विभाग ने तो कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया है। इस पूरे हादसे के लिए अनुराग चौधरी जिम्मेदार हैं इसीलिए उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।”

बैकडेट में दो नोटिस किए जारी

नोटिस की कॉपी में राजू मेहरा-गौतम मेहरा के नाम लिखा है। एक नोटिस 23 जनवरी की तारीख की है। इस नोटिस में लिखा है कि स्थल पर एक हजार वर्ग गज की पूर्व निर्मित धर्मशाला को गिराकर बेसमेंट खुदाई का काम किया जा रहा है। इसकी स्वीकृति का कोई नोटिस नहीं दिखाया गया। इस नोटिस में तुरंत काम बंद कराने को कहा गया। पालन न करने पर 1250 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाने की बात कही गई। इसके अलावा एक और नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस में राजू मेहरा व गौतम मेहरा को बेसमेंट खुदाई की स्वीकृति न दिखाने पर ADA कार्यालय में 3 फरवरी को तलब किया गया है। ये दोनों नोटिस हादसे के दिन जारी किए गए हैं।

राजू मेहरा ने कहा- जबरन थमाकर चले गए नोटिस

राजू मेहरा ने बताया, “शाम पौने पांच बजे उनके पास ADA के जेई का फोन आया। उन्होंने कहा कि वे उनके घर पर हैं। जब वह अपने घर पहुंचे तो उन्हें दो नोटिस थमा दिए। नोटिस पर राजू मेहरा लिखा था लेकिन पिता का नाम और पता गलत लिखा था। इस पर मैंने उनसे कहा कि ये दूसरे राजू मेहरा हैं, लेकिन ADA के अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी और जबरन नोटिस थमा कर चल दिए।

एडीएम सिटी ने भी नोटिसों को देखकर पलड़ा झाड़ा

पीड़ित राजू मेहरा ने बताया कि इसके बाद हमने घटनास्थल पर जाकर मामले की जानकारी एडीएम सिटी को दी लेकिन वह भी मदद करने के बजाए नोटिस देखकर चले गए और कह गए कि इस संबंध में एडीए अधिकारियों को यह नोटिस दिखाकर शिकायत दर्ज कराएं।

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