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प्रधानमंत्री मोदी के रूप में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व हमारे पास है – आशुतोष टंडन

by admin

आगरा आये नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने जीवनी मंडी वाटर वर्क्स में आयोजित शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान उद्बोधन दिया। अपने उद्बोधन में कहा कि आगरा में जितना ताज का नाम है, उतनी ही यहां के खारे पानी की चर्चा। गंगाजल की बहु प्रतीक्षित योजना पूर्ण हुई है। एक साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे शुरू किया। आगरा पेयजल गृह संयोजन के प्रथम चरण में डेढ़ लाख की आबादी से लाभान्वित हो रही है। सीवर योजना से भी शहरवासियों को फायदा होगा। उन्‍होंने कहा कि चार जीर्ण शीर्ण पम्पिंग स्टेशन प्रारंभ होंगे। लगभग 85 किलोमीटर की लाइन बिछेगी।

मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि जब 2014 में मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी तो तमाम योजनाओं की झड़ी लगा दी। पीएम मोदी का विलक्षण व्यक्तित्व है। हम सब सौभाग्‍यशाली हैंं कि दुनिया में जितना नेतृत्व है, उसमें सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व हमारे पास है। मोदी ने जो समस्या हल की, संपूर्णता से की, टुकड़ोंं टुकड़ोंं में नही की।

इससे पहले 60 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय नही था, इसलिए 11 करोड़ के लगभग शौचालय बने। 2022 तक प्रधानमंत्री आवास मिलेगा। आयुष्मान भारत मेंं पहले फेस में 10 करोड़ परिवारों को और 50 करोड़ लोगों को लाभ मिला है। जैसा हम सब जानते हैंं कि भूगर्भ जल खत्म होता जा रहा है और वर्षा का जल समुंदर में जा रहा है। इसलिए सरफेस वाटर का उपयोग किए जाने पर जोर है। एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना नदियों को जोड़ने के लिए है, यह भी जल्‍द मूर्त रूप लेगी।

उन्‍होंने कहा कि लखनऊ के बाद आगरा ऐसा महानगर है, जिससे मेरा ज्यादा जुड़ाव है। इसलिए यहां की समस्याओं से अवगत हूँ, जिनका हम मिलकर समाधान करेंगे। एक मास्टर प्लान के तहत काम होना चाहिए, जो पिछली सरकारों में नहींं हुआ। उन्‍होंने कहा कि किसी के पास भी अलादीन का चिराग नही है, जो एकदम से समस्या का समाधान हाेे जाए, सुधार आने में समय लगता है। आगरा में जल्द ही सुखद परिवर्तन दिखाई देंंगे। 

नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन नगर निगम प्रांगण में उद्बोधन के दौरान कहा कि काम की तलाश में ग्रामीणों ने शहर की ओर अपना रुख किया है जिसके कारण शहर में लोगों की जनसंख्या बढ़ रही है, शहर का दायरा भी बढ़ रहा है। इसलिए यहां की मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाना भी प्राथमिकता है लेकिन जरूरत यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग रोजगार के लिए शहर की ओर रूख ना करें। उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार मिल सके। कुछ ऐसी व्यवस्थाएं करनी होगी।

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