आगरा। चंबल नदी में आज दोपहर बाद बढ़ जाएगा पानी, कोटा बैराज से छोड़ा गया 1.25 लाख क्यूसेक पानी। 38 गांव के लोगों को हो सकती है समस्या
बाह, पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी में कोटा बैराज से भारी संख्या में पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। तटवर्ती इलाकों के गांव में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों में हड़कंप मचा गया। वही जल स्तर को लेकर प्रशासन पूरी अलर्ट है।
आपको बता दें राजस्थान में भारी बारिश और कोटा संभाग में मानसून की मेहरबानी के चलते बैराज पूरी तरह से उफान पर आ गया।जिसके चलते एक साथ कोटा बैराज के 11 गेट खोलकर चंबल नदी में करीब 1 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे चंबल नदी का जल स्तर मंगलवार से जलस्तर यकायक बढऩे लगा है।
बुधवार को पिनाहट घाट पर चंबल नदी का जलस्तर 119 मीटर से 121 मीटर तक पहुंच गया। वहीं चंबल पट्टी के तटवर्ती इलाकों के दर्जनों गांवों में बाढ़ के खतरे को लेकर हड़कंप मच गया है। पिछले वर्ष की बाढ़ से तटवर्ती इलाकों के गांवों के लोग अभी उभर ही नहीं पाए थे। कि चंबल नदी में भी बाढ़ की आशंका बनी हुई है।
चंबल नदी में बाढ़ आने से 38 गांव के लोगों के लिए समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसे लेकर प्रशासन द्वारा पूरी तरह से अलर्ट है। क्षेत्र की 8 बाढ़ चौकियों पर लेखपालों को तैनात किया गया है ।और नदी के जलस्तर पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं।
अधिकारियों ने अधीनस्थों को अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार निगरानी बनाए रखने एवं आमजन को नदी क्षेत्र बीहड़ एवं जलभराव क्षेत्रों के समीप जाने से रोकने के लिए निर्देश दिए हैं। फिलहाल चंबल नदी घाट पर जलस्तर 121 मीटर पहुंच गया है जोके खतरे के निशान से 9 मीटर नीचे है। चंबल नदी के जलस्तर का चेतावनी स्तर 127 मीटर है।
फिलहाल खतरे की कोई आशंका नहीं है। अगर पानी और बढा तो स्थिति कुछ भी हो सकती है। प्रशासन द्वारा तहसील मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया है।
इसी संदर्भ में एसडीएम बाह रतन वर्मा का कहना है कि कोटा बैराज से छोड़े गए पानी के बारे में उन्हें सूचना मिली है। तटवर्ती इलाकों में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई है जिन पर लेखपालों को तैनात कर चंबल के जल स्तर पर निगरानी की जा रही है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है।
चंबल की बाढ़ से घिरने वाले बीहड़ी इलाकों के गांव
राजस्थान के कोटा बैराज से भारी संख्या में छोड़े गए पानी से चंबल नदी में बाढ़ आने की संभावना से बीहड़ी निचले इलाकों के गांवों रेहा, कछियारा,डगौंरा, उमरेठापुरा, बीजका पुरा,ऊपरी पुरा,जेबरा, गुर्जा शिवलाल,गौहरा, रानीपुरा ,भटपुरा, आदि दर्जनभर से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिर जाते हैं। और संकट गहराया जाता है।