आगरा। राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से जनपद के ब्लॉक पिनाहट, बाह क्षेत्र से सटी चंबल नदी में उफान आ गया है। नदी का खतरे के निशान से महज ढाई मीटर बहने से तटवर्ती इलाकों के मार्ग पर जलभराव हो गया जिसके चलते आधा दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते राजस्थान के कोटा बैराज के मंगलवार सुबह से रात तक सभी 13 गेट खोलकर तीन बार में भारी मात्रा में करीब 5 लाख क्यूसेक चंबल नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया। जिसके कारण चंबल नदी में अचानक उफान आ गया और तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की स्थिति की बन गई है। चंबल में उफान बाढ़ के चलते ब्लॉक क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव रेहा, बरैण्डा, डगोंरा, कछियारा, उमरैठापुरा, ऊपरीपुरा, बीचकापुरा के मार्ग पर जलभराव होने के कारण संपर्क टूट गया है।
बाढ़ के चलते लोगों को परेशानी न हो इसके लिए एसडीएम बाह रतन वर्मा एवं क्षेत्राधिकारी पिनाहट अमरदीप ने प्रशासनिक की टीमें के साथ चंबल किनारे बसे गांवों का जायजा लेकर लोगों का हालचाल जाना।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में हो रही भारी बारिश के चलते मंदसौर के गांधी सागर बांध और राजस्थान के राणा प्रताप बांध, जवाहर सागर बांध में जलस्तर बढ़ने से बांधों से पानी डिस्चार्ज किया गया। जिससे कोटा बैराज बांध में जलस्तर बढ़ने को लेकर भारी मात्रा में पानी को डिस्चार्ज किया गया है। मध्यप्रदेश और राजस्थान की चंबल में गिरने वाली छोटी नदियों पूनम, पार्वती, कालीसिंध, बनास, शिप्रा, सिवान, रेतम, में उफान का पूरा पानी चंबल नदी में गिरने से तेज बहाव हो गया है। जिससे धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई।
बुधवार शाम तक पिनाहट घाट पर 124 मीटर तक जलस्तर नदी का पहुंच गया था। गुरुवार को लगातार नदी का जलस्तर बढ़कर शाम तक 127.5 मीटर तक पहुंच गया जोकि पिनाहट घाट पर 130 मीटर खतरे के निशान से महज ढाई मीटर नीचे बह रहा है। जिसे लेकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा चंबल के तटवर्ती इलाकों के गांव जाकर जायजा लेकर मुनादी की गई और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए। लोगों को चंबल किनारे और खादरों में ना जाने की अपील की गई है।
पिनाहट, बाह, जैतपुर ब्लॉक के चंबल क्षेत्र में 8 बाढ नियंत्रित चौकी स्थापित कराई है। जिन पर लेखपालों की तैनाती कर अधीनस्थ प्रशासनिक कर्मचारियों को जल स्तर पर निगाह बनाने के लिए आदेश दिये गए हैं। चंबल नदी में स्ट्रीमर एवं नावों का संचालन पूरी तरह से बंद करा दिया गया है।