Home » जल प्रलय के बाद आग की चपेट में आया उत्तराखंड

जल प्रलय के बाद आग की चपेट में आया उत्तराखंड

by admin
Uttarakhand caught in flames after the deluge

चमोली में जलप्रलय होने के बाद अब जंगल आग की चपेट में आ चुके हैं। बता दें इससे करीब 12 सौ हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं।यह आग अब चिंता का विषय इसलिए बन चुकी है क्योंकि अब यह शहर तक भी पहुंचने लगी है। वरुणावत पर्वत पर लगी यह आग उत्तरकाशी और गढ़वाल के जंगल तक पहुंच चुकी है और अब श्रीनगर पहुंचने के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है।अनुमान लगाया जा रहा है कि नैनीताल के बीच मौजूद जंगल भी भयंकर आग की चपेट में ही हैं। उत्तराखंड में दिसंबर से जंगल धधक रहे हैं हालांकि वन विभाग ने आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की है।

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में नवंबर से जनवरी के बीच जंगल में आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं घटित हुई हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा समेत कई राज्यों में करीब 2984 घटनाएं हुई हैं। जिनमें से सबसे ज्यादा घटनाएं 470 उत्तराखंड में हुईं हैं लेकिन अगर पिछली सर्दी की बात की जाए तो यहां सिर्फ 39 घटनाएं हुईं थीं।

वहीं मुख्य वन संरक्षक मान सिंह का कहना है कि उत्तराखंड में इस साल जनवरी से 27 मार्च तक जंगलों में आग की 787 घटनाएं घटित हुईं हैं जबकि 27 मार्च के बाद आग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रहीं हैं और अभी तक लगभग 1299 हेक्टेयर वन भूमि आग की चपेट में आ चुकी है।

इस समय अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले के करीब मौजूद तोली के जंगलों में भी भयंकर आग लगी है। मिली जानकारी के मुताबिक कर्नाटकखोला और पपरशैली के जंगल, बागेश्वर में नदीगांव और दुगनाकुरी के जंगल, बेडीनाग के बुडेरा, गडेरा और मानीखेत तोक के जंगल ज्वाला से धधक रहे हैं।वहीं टिहरी जिले में नरेंद्रनगर और पौड़ी जिले में भी कई जंगल भीषण आग का सामना कर रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि पिछले 2 महीनों से बारिश सामान्य से 70 परसेंट तक कम हुई है।वहीं प्राकृतिक स्रोतों में भी पानी का स्तर कम हो रहा है।जिससे जमीन सूख चुकी है। सूखी घास और पत्तियां भी आग भड़काने में मददगार साबित हो रहीं हैं।

Related Articles