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उत्तर प्रदेश नगर निगम जलकल कर्मचारी संघ ने विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

by admin
Uttar Pradesh Municipal Corporation Jalkal Employees Union demonstrated at the headquarters regarding various problems

Agra. उत्तर प्रदेश नगर निगम जलकल कर्मचारी संघ की ओर से सफाई कर्मचारियों व वाल्मीकि समाज के लोगों की विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व आजाद सिंह वाल्मीकि के द्वारा किया गया। संगठन के पदाधिकारियों ने वाल्मीकि समाज के साथ मिलकर अपनी समस्याओं के निदान के लिए प्रदर्शन किया, साथ ही ज्ञापन सौंपकर इन समस्याओं के समाधान की मांग उठाई।

उत्तर प्रदेश नगर निगम जलकल कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उनका कहना है कि भाजपा सरकार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन द्वारा आगरा में प्राइवेट डोर टू डोर कंपनियों को लगाया गया है। इससे वर्षों से मोहल्लों में सफाई का काम कर रहे वाल्मीकि समाज के रोजगार को छीन लिया गया है। जिससे वाल्मीकि समाज इस समय आर्थिक मंदी से गुजर रहा है। जब डोर टू डोर कंपनियों का विरोध किया जाता है तो समाज के लोगों के साथ मारपीट भी की जाती है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आजाद सिंह वाल्मीकि का कहना था कि सरकार ने डोर टू डोर कंपनियों को लगाया, ठीक है लेकिन मोहल्ला प्रथा खत्म होने नहीं दी जाएगी। यह वाल्मीकि समाज का रोजगार है और इस पर कोई कुठाराघात करेगा तो उसका जवाब दिया जाएगा।

इस प्रदर्शन के दौरान संगठन की ओर से नगर निगम और जलकल में संविदा और आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थाई किए जाने की मांग उठी। लोगों का कहना था कि वर्षों से समाज के लोग आउटसोर्सिंग और संविदा पर काम कर रहे हैं। ठेकेदारी प्रथा शुरू होने से ठेकेदार उनका शोषण कर रहे हैं और निगम अधिकारी उन पर कोई भी लगाम नहीं लगाते। क्योंकि यह सब उन्हीं की शह पर अंजाम दिया जाता है। जल्द ही संविदा कर्मचारियों को स्थाई किये जायें अन्यथा समाज के लोग प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

इस प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश नगर निगम जलकल कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि आज संविदा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय से वेतन भी नहीं दिया जा रहा है वेतन के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है कई महीने बीत जाने के बाद 1 महीने का वेतन मिलता है जिससे सफाई कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब होती चली जा रही हैं लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अगर वेतन की स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो विभाग के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।

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