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भीख मंगवाने में बच्चों का इस्तेमाल, 45 बच्चों की सूची सौंपी, ट्विटर पर पुलिस मुख्यालय ने दिए ये आदेश

by admin
Use of children in begging, list of 45 children, handed over to police headquarters on Twitter

यूपी के आगरा जिले के हर चौराहे पर भिखारियों (Beggar) का कब्जा है। अधिकांश मात्रा में बच्चे भीख मांग रहे हैं। उनके गले में कपड़े के थैले बंधे होते हैं जिसमें पैसों का कलेक्शन रखा होता है। बड़ी संख्या में महिलाएं (Ladies) गोद में बच्चे लेकर भीख मांगती हैं। आगरा एक पर्यटन नगरी (Tourist City) है। यहां देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। उनकी गाड़ियों से जब बच्चे भीख मांगते हैं तो उनके सामने शहर की छवि अच्छी नहीं जाती है। बाल अधिकार कार्यकर्ता (Child Right Activist) एवं महफूज संस्था (Mahfooz Organization) के समन्वयक नरेश पारस को सर्वे के दौरान एमजी रोड पर 45 बच्चे भीख मांगते मिले। उन्होंने यह सर्वे रिपोर्ट (Survey Report) एसपी सिटी कार्यालय (SP City Office) में सौंपकर बच्चों को मुक्त कराने की मांग की है।

नरेश पारस (Naresh Paras) ने पुलिस को दिए पत्र में कहा कि पुलिस के अभियान के बाद भिखारियों ने अपने ठिकाने बदल दिए हैं। वह अन्य चौराहों पर भिक्षावृत्ति कर रहे हैं। बच्चों तथा महिलाओं से भिक्षावृत्ति कराई जा रही है। महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगती हैं तथा 8-12 वर्ष की आयु के बच्चों से चौराहों पर भीख मंगवाई जा रही है। बकायदा उनको भीख मांगने की टिप्स (Tips) दी जाती हैं तथा स्पाॅट दिए जाते हैं। हर बच्चे के गले में एक कपड़े का थैला लटका रहता है। जिसमें वह भीख के पैसे रखते हैं। बाद में एक व्यक्ति उनसे पैसों का कलेक्शन करता है। मजबूरी के साथ-साथ भीख मंगवाने वाला गिरोह भी सक्रिय हो सकता है। फोटो खींचने पर बच्चे तथा महिलाएं चेहरा छुपा लेते हैं, भाग जाते हैं। कुछ शारीरिक विकलांगता का नाटक करते हैं।

Use of children in begging, list of 45 children, handed over to police headquarters on Twitter

महफूज संस्था द्वारा किए गए एमजी रोड के सर्वे में 45 बच्चे जिनमें हरीपर्वत (Hariparwat), प्रतापपुरा (Pratappura), संजय प्लेस (Sanjay Place), एत्माद्दौला, शाह मार्केट (Shah Market), तहसील तथा विभिन्न स्थानों पर भीख मांगते पाए गए। जिनके फोटो एवं वीडियो महफूज के पास हैं। उक्त प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए नरेश पारस ने मांग की है कि थाना पुलिस के बीट अधिकारी (Beat Officer) तथा स्थानीय खूफिया विभाग (Intelligence department) के माध्यम से गोपनीय जांच कराई जाए। भीख मांगने वालों को चिन्हित किया जाए, तत्पश्चात संबंधित विभागों के समन्वय से छापा मारकर बच्चों को मुक्त कराया जाए। दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए। नरेश पारस ने यह मामला पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) को ट्वीट (Tweet) किया जिस पर आगरा पुलिस को कार्यवाही करने को कहा है।

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