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यूपी पॉवर कॉर्प. में पीएफ घोटाले को लेकर परिजन सहित कर्मचारी उतरे सड़कों पर, दी ये चेतावनी

by admin

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोशन में प्राविडेंट फंड में हुए घोटाले को लेकर विद्युत कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस मामले में सीबीआई जांच व सरकार से भुगतान की अधिसूचना जारी करने की मांग लेकर बिजली अधिकारी व कर्मचारी अपने परिजनों सहित सड़कों पर उतर पड़े। रैली में अधिकारी एवं कर्मचारी की पत्नी एवं बच्चे भी शामिल हुए। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व पीएफ भुगतान संबंधी अधिसूचना जारी करने की मांग की है।

कर्मचारियों ने कहा कि ऐसा न होने पर कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे और 48 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया गया है। विद्युत कर्मचारियों ने लखनऊ में राणा प्रताप मार्ग के फील्ड हॉस्टल में सभा की और फिर शक्ति भवन की तरफ कूच कर गए।

विरोध प्रदर्शन कर रहे विद्युत कर्मचारियों का कहना था कि पीएफ में जमा हुआ धन कर्मचारियों का था जो रिटायरमेंट के बाद उनके काम आने वाला था लेकिन उच्च अधिकारियों ने भी अपनी घोटाला करके ऐसे विद्युत कर्मचारियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा है कि पीएफ में जमा हो उनका धन अब उन्हें वापस नहीं मिलेगा बल्कि उन्हीं के उच्च अधिकारी उस धन का गबन और बंदर बांट कर चुके हैं।

विरोध प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि अगर इस मामले में सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाया तो वह 18 और 19 नवंबर को कार्य से भी मुक्त रहेंगे। इसके बाद भी कोई उचित फैसला नहीं लिया तो वह पूरी तरह से हड़ताल पर चले जाएंगे।

प्रदर्शन कर रहे विद्युत कर्मचारियों और नेताओं का कहना था कि इस मामले में एक श्वेत पत्र जारी किया जाए जिससे यह पता चल सके कि घोटाले बाजों ने पीएफ व सीपीएफ का पैसा किन किन संस्था में लगा दिया है जिससे इसकी सही तस्वीर सामने आ सके।

संघर्ष समिति का कहना है कि ईओडब्ल्यू की जांच 17 मार्च 2017 से आगे क्यों नहीं बढ़ रही है, जबकि इस दिन मात्र 18 करोड़ रुपये डीएचएफएल को दिए गए। इसके बाद डीएचएफएल को 4100 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। ऐसा लग रहा है ईओडब्ल्यू बड़े आईएएस अधिकारियों पर हाथ डालने से कतरा रही है। जब तक पूर्व चेयरमैन गिरफ्तार नहीं होंगे, तब तक घोटाले की तह तक पहुंचना संभव नहीं है। विद्युत कर्मचारियों ने साफ कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे विद्युत कर्मचारियों का पैसा वापस हो सके और भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले कर्मचारियों को सख्त से सख्त सजा हो सके।

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