उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए कारगर साबित हो रही है। जिसके चलते सीएम योगी की रणनीति का इस्तेमाल करते हुए ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति पर संतुलन बनाया जा रहा है। दरअसल ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए 24 घंटे सॉफ्टवेयर आधारित कंट्रोल रूम, ऑक्सीजन टैंक जीपीएस और ऑक्सीजन के वेस्टेज को रोकने के लिए सात प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा ऑडिट की व्यवस्था की गई है। अलावा इसके दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस और वायु सेना की भी मदद ली जा रही है। लेकिन अब ऑक्सीजन की बेहतर उपलब्धता के लिए देश में क्रायोजेनिक टैंकरों का ग्लोबल टेंडर निकालने वाला पहला राज्य यूपी बन चुका है।
दरअसल गुरुवार को सीएम योगी ने सरकारी आवास पर टीम 9 की समीक्षा बैठक की जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 मई को 1 दिन में सबसे ज्यादा 823 मीट्रिक टन ऑक्सीजन वितरित की गई। जैसा कि देखा जा रहा है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस लगातार गतिशील है। उत्तर प्रदेश में टैंकरों की संख्या 89 हो चुकी है। वहीं केंद्र सरकार ने भी प्रदेश को चार सौ मीट्रिक टन के 14 टैंकर दिए हैं। अलावा इसके अडानी और रिलायंस जैसे निजी औद्योगिक समूह की ओर से भी टैंकर उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही क्रायोजेनिक टैंकरों के संबंध में ग्लोबल टेंडर निकालने के लिए टीम से कार्यवाही करने की बात कही।
बता दें क्रायोजेनिक टैंक ऐसा टैंक होता है, जिसमें बहुत अधिक ठंडे लिक्विड रखे जाते हैं, जैसे लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन। लिक्विड ऑक्सीजन बहुत ही अधिक ठंडी होती है। इसका स्तर -185 डिग्री के करीब होता है जो कि ऑक्सीजन के उबलने का स्तर होता है। क्रायोजेनिक टैंक में उन गैसों को ही रखा जाता है, जिनका उबलने का स्तर -90 से अधिक होता है, जैसे कि ऑक्सीजन।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऑक्सीजन वेस्टेज को न्यूनतम करने के उद्देश्य से प्रदेश की सात प्रतिष्ठित संस्थाओं के सहयोग से ऑक्सीजन ऑडिट कराया गया है।अब हर जिले के लिए ऑक्सीजन के संबंध में अलग योजना तत्काल तैयार की जाए। चीनी मिलों द्वारा जेनरेट किया जा रहा ऑक्सीजन नजदीकी सीएचसी को सीधे आपूर्ति दी जाए। इतना ही नहीं बल्कि नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की भी बात कही।