उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम ने मेरठ और बुलंदशहर से चार रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। दरअसल बीते कई दिनों से लगातार उत्तर प्रदेश में रोहिंग्या घुसपैठ करने की फिराक में हैं। लेकिन यूपी पुलिस की मुस्तैदी के चलते हर बार रोहिंग्या द्वारा की जा रही घुसपैठ पुलिस की निगरानी में आ जाती है। बता दें मास्टरमाइंड नूर आलम के इनपुट के आधार पर अवैध रूप से रह रहे चार रोहिंग्या को एटीएस टीम ने धर दबोचा है।बहरहाल यूपी एटीएस द्वारा लगातार रोहिंग्या पर कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले गुरुवार को भी एटीएस टीम ने दो रोहिंग्या को गिरफ्तार किया था।
उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि रोहिंग्यों को भारत भेजने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। एडीजी द्वारा इस दौरान बताया गया कि देश में इस साल सबसे ज्यादा 15 रोहिंग्या यूपी से गिरफ्तार हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस गिरोह का भंडाफोड़ भी किया। उन्होंने कहा कि म्यांमार, बांग्लादेश के रोहिंग्या को भारत भेजता है। जिसके बाद मानव तस्करी के साथ-साथ यह गिरोह उनकी घुसपैठी के लिए अवैध दस्तावेज भी बनवाता है।
ADG कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने आगे बताया कि मेरठ में हाफिज शफीक रोहिंग्याओं का गिरोह चला रहा था। इतना ही नहीं महिलाओं की मलेशिया जैसे देशों में हवाई मार्ग से तस्करी की जाती थी। दरअसल यह गिरोह गलत दस्तावेजों के जरिये नौकरियां दिलाकर कमीशन लिया करता था। एडीजी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक रोहिंग्याओं के पास से सोने जैसी धातु के आभूषण भी बरामद किए गए हैं। फर्जी दस्तावेज बनाने वाले आरोपियों की तलाश जारी है। गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने 8 जून को दो रोहिंग्याओं को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था जिनसे पूछताछ में कुछ अहम जानकारियां हाथ लगी। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद से रोहिंग्या नागरिक आमिर हुसैन और नूर आलम को गिरफ्तार किया गया है।आमिर हुसैन देश में अवैध तरीके से एंट्री करके करीब दो साल से दिल्ली के खजुरी खास थाना क्षेत्र के श्रीराम कॉलोनी में रह रहा था।
यूपी एटीएस ने दोनों को रिमांड पर लेकर जब पूछताछ की तो जानकारी हाथ लगी कि इन आरोपियों जैसे तमाम देश भर में फैले रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी नागरिकों को यूपी में ठिकाना बनाने के लिए कहा गया है। अलावा इसके यह जानकारी भी हाथ लगी है कि विधानसभा चुनाव से पहले बसने वाली जगह का राशन कार्ड पैन कार्ड बनवा कर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना इनका लक्ष्य है। इसके लिए नूर आलम एक-एक करके हरियाणा दिल्ली और राजस्थान की तरह बसे इन घुसपैठियों उत्तर प्रदेश में रह रहे उनके रिश्तेदारों और परिजनों के पास भेज रहा है। लेकिन इसके लिए वह मोटा मुनाफा भी कमा रहा था।