आगरा। अगले 24 घंटे के अंदर एक ही परिवार में दो मौत हो जाने से कॉलोनी वासी दहशत के साए में जी रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग की सामने आई है। मामला दो दिन पूर्व थाना शाहगंज क्षेत्र के आदर्श नगर का है। आदर्श नगर में एक किराए के मकान पर दो बहन और एक भाई साथ में रहते थे। 57 वर्षीय विंदेश्वरी एंपोरियम पर काम करती थी। उसके साथ में उसकी तलाकशुदा 55 वर्षीय बहन कोमल और 40 वर्षीय भाई भी साथ में ही रहता था।
बताया जा रहा है कि बिंदेश्वरी बीपी के मरीज थी और काफी दिनों से दवाइयां का सेवन कर रही थी। अचानक विंदेश्वरी की हालत बिगड़ी, उल्टियां के साथ में बिगड़ती हालत से रविवार को विंदेश्वरी की मौत हो गई। मौत की सूचना इलाके के लोगों ने लगातार स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को दी। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने इस मामले को कतई गंभीरता से नहीं लिया और तकरीबन 14 घंटे तक मृतका का शव मकान की देहरी पर ही रहा।
जैसे तैसे इस मामले की सूचना परिवार के अन्य लोगों ने थोड़ी दूर रहने वाली विंदेश्वरी की सगी बहन बबली को दी तो बबली और उसके साथ के लोग मौके पर पहुंच गए। मगर इसी दौरान मृतका बिंदेश्वरी के साथ में रहने वाली बहन कोमल और भाई तेज बुखार से संक्रमित हो गया। इसकी सूचना भी लगातार जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को दी जाती रही। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा मौके पर नहीं पहुंचा और अगले 24 घंटे के अंदर बहन कोमल ने भी दम तोड़ दिया। 24 घंटे के अंदर आदर्श नगर में रहने वाले इस परिवार में दूसरी मौत हुई है जिसको लेकर इलाके के लोग दहशत में हैं।
यहां निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता हेमेंद्र शर्मा का कहना था कि लापरवाही इस हद तक की गई है कि जिला प्रशासन ने बिना सैंपलिंग दोनों ही शवों को परिजनों को सौंप दिया है। ऐसे में अगर यह शव संक्रमित हुए तो और लोग भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। यहां स्वास्थ्य विभाग से एक बार नहीं बल्कि कई बार गलती हुई है। एक परिवार के अंदर दो बहनों की मौत 24 घंटे के अंदर हुई और अब भाई की हालत भी नाजुक है जिसे आगरा के एसएन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
इस घटनाक्रम के बाद कॉलोनी वासी दहशत में है। इलाके को अभी तक ना तो सैनिटाइज किया गया है, ना ही सील किया गया है और ना ही शवों की सैंपलिंग ली गई है जिससे मालूम पड़ सके कि यहां रहने वाले लोग पॉजिटिव थे या फिर नेगेटिव। स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर शुरू से ही उंगलियां उठ रही है और इस घटनाक्रम के बाद एक बार फिर आगरा का स्वास्थ विभाग सवालों के घेरे में आ गया है।