उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में शुक्रवार ( Friday) को कोरोनावायरस के नए वेरिएंट कप्पा वायरस ( Kappa Virus) के दो मामले ( 2 Cases) पहली बार दर्ज किए गए। वहीं राज्य सरकार ने अपने आधिकारिक बयान ( Official Statement) में कहा कि नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग ( Genome sequencing) के माध्यम से जांच की गई, जिसमें दो मामले कप्पा वायरस के दर्ज किए गए।एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कोविड के नमूने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज ( KGMU) भेजे गए थे, जहां इस वेरिएंट के दो मरीज संक्रमित पाए गए। दिए गए बयान में यह जानकारी भी दी गई कि 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई गई, जिनमें 2 मरीज कप्पा वायरस के चिंहित हुए।
वहीं शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा टीम नौ के साथ कोविड समीक्षा बैठक की गई थी, जहां कोविड-19 के नए मिलने पर अलर्ट जारी किया गया। प्रदेश सरकार ने कहा राज्य में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा बढ़ाई जा रही है, ताकि जल्द से जल्द इस पर नियंत्रण किया जा सके। दरअसल जीनोम सीक्वेंसिंग एक प्रयोगशाला प्रक्रिया है जो वेरिएंट को चिन्हित करके रोग के प्रकोप को ट्रैक करने में सहायक होती है।
बता दें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग से इस कप्पा वैरिएंट से संक्रमित हुए मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं कप्पा वायरस के मामले सामने आने के बाद यूपी का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। मिली जानकारी के मुताबिक मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की तेजी के साथ जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद इससे बचाव के उपाय सुझाए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोविड-19 वेरिएंट का नाम आरएनए वायरस है जो वातावरण में म्युटेंट करने के साथ तेजी से फैलता है।