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आन, बान और शान की पहचान पगड़ी अब बचाएगी लोगों की जान, सिख समाज ने शुरू की ये अनूठी मुहिम

by admin

आगरा। पगड़ी आन, बान और शान की निशानी है। पगड़ी के सम्मान के लिए न जाने कितनी ही शहादतें हुई हैं। अब यही पगड़ी जरूरतमंदों की जान भी बचाएगी। सिख समाज ने पूरे देश में ‘टरबन फॉर मास्क’ नाम से अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत घर-घर से पुरानी पगड़ियों को लेकर उनके मास्क बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं। आगरा में इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। आज से पुरानी पगड़ियों से तैयार मास्क कुछ लोगों के पास पहुंचना शुरू भी हो गया है ।

कोरोना काल में हर कोई जरूरतमंदों की मदद को सामने आ रहा है। ऐसे में सिख समाज कैसे पीछे रह सकता है।समाजसेवा और जरूरतमंदों के लिए सदैव ही खुद को न्यौछावर करने वाले सिख समाज के लोग न केवल जरूरतमंदों को भोजन पहुंचा रहे हैं बल्कि उनके लिए एक अनूठी मुहिम की शुरुआत भी की गई है। इस मुहिम को ‘टरबन फॉर मास्क’ नाम दिया गया है। देश भर में इस अभियान की शुरुआत पिछले दिनों दिल्ली से हुई थी। अब ताजनगरी भी इस पावन अभियान में अपनी आहुति देने के लिए तैयार है। अभियान के तहत घर-घर जाकर सिख समाज के लोग पुरानी पगड़ियां एकत्रित कर उन्हें एक विशेष प्रक्रिया के तहत सैनिटाइज कर मास्क तैयार कर रहे हैं, मास्क तैयार होने के बाद उन्हें फिर से सैनिटाइजेशन कर जरूरतमंदों तक इन्हें पहुंचाया जा रहा है। ये मास्क कोरोना वारयस से लड़ने में सहायक साबित होंगे।

इस अभियान के तहत देश भर में पुरानी पगड़ियों से करीब दस लाख मास्क बनाने का लक्ष्य है। पहले चरण में करीब ढाई लाख मास्क तैयार होंगे।शुरुआत उत्तर भारत के शहरों से हो गई है। आने वाले दिनों में अन्य शहरों में भी इस मुहिम को गति दी जाएगी।आगरा में एक लाख मास्क वितरण का लक्ष्य है।

सिख समाज के लोग बताते हैं कि एक पगड़ी से 25 से 30 मास्क तैयार हो जाएंगे। मास्क को अच्छी तरह से सैनिटाइज करने के बाद इन्हें पैक कर दिया जाएगा। सील पैक होने के बाद इन्हें जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाएगा। मुख्य रूप से सूती और मलमल की पुरानी पगड़ियों से ये मास्क तैयार किए जाएंगे। आगरा में भी पुरानी पगड़ियों को एकत्र कर मास्क बनाने का काम शुरू किया जा चुका है।

सिख समाज के लोगों का कहना है कि उन्होंने हमेशा ही जरूरतमंदों के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं। जैसे ही पता चला कि पुरानी पगड़ियों से मास्क तैयार होंगे, तमाम लोगों ने संपर्क किया। वे सहर्ष ही इस अनूठे अभियान के लिए अपनी पुरानी पगड़ी देने के लिए तैयार हो गए। सिखों के लिए पगड़ी का खासा महत्व है। पगड़ी के लिए समाज ने कुर्बानियां दी हैं। अब यही पगड़ी लोगों की जान बचाएगी तो इससे बेहतर क्या हो सकता है।

सुखमनी सभा की महिला विंग के सदस्यों का कहना है कि पुरानी पगड़ियों से मास्क बनाये जा रहे है। इस अभियान में समाज के लोगों का भरपूर साथ मिल रहा है। इन पगड़ियों से बनाये गए मास्को को जरूरत मंदों को दिए जा रहे हैं।

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