आगरा। रेलवे और जिला प्रशासन के बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेन को लेकर शुक्रवार को तनातनी हो गई। सियालदह से चलकर आगरा कैंट स्टेशन पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जिला प्रशासन को 1 हजार से अधिक श्रमिकों के आगरा कैंट पर उतरने की जानकारी दी गई थी। जिला प्रशासन ने उसके हिसाब से तैयारी की। शाम को जब ट्रेन आई तो उसे मात्र 2 यात्री आगरा कैंट स्टेशन पर उतरे। यह यात्री भी आगरा के ना होकर मथुरा के थे। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में आक्रोश पनप गया। इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से रेलवे को पत्र लिखकर इस मामले में जवाब मांगा गया है।
लॉकडाउन में देश भर से उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन आगरा सहित विभिन्न जनपदों में पहुंच रही है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के नोडल अफसर ने बताया कि शुक्रवार को रेलवे द्वारा उन्हें सूचना दी गई कि शाम को 6:00 बजे आगरा कैंट पहुंचने वाली ट्रेन में 1000 से अधिक श्रमिक यात्री स्टेशन पहुंचेंगे। इस सूचना पर जिला प्रशासन ने एक हजार श्रमिकों के हिसाब से रोडवेज की बसों को कैंट स्टेशन पर लगा दिया गया। श्रमिकों के भोजन के लिए पैकेट भी बनवा दिए गए थे और होमगार्डों को भी बुला लिया गया लेकिन जैसे ही ट्रेन आगरा कैंट स्टेशन पहुँची, जिला प्रशासन के अधिकारियों के होश उड़ गए। ट्रेन से सिर्फ दो श्रमिक यात्री उतरे। उनके घर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे मथुरा के रहने वाले हैं।
एक हजार से अधिक श्रमिकों के हिसाब से इंतजाम करके बैठे जिला प्रशासन के अधिकारी रेलवे द्वारा दी गई गलत जानकारी पर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
एडीएम प्रोटोकॉल पुष्पराज सिंह ने बताया कि रेलवे द्वारा जिला प्रशासन को 1000 से अधिक श्रमिकों के आने की सूचना दी गई थी। उस हिसाब से इंतजाम किए गए थे परंतु ट्रेन से मात्र 2 यात्री ही उतरे इस तरह की गलत जानकारी देने पर रेलवे से जवाब मांगा गया है।