आगरा। आगरा शहर में यातायात की व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा फोटो चालान की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद से ही कई तरह की विसंगतियां सामने आई। धड़ाधड़ भेजे जाने वाले फोटो चालान में ट्रैफिक पुलिस यह भी देखने की जहमत नहीं उठा रही है कि फोटो चालान में खींची गई तस्वीर के मुताबिक उसी वाहन स्वामी के घर फोटो चालान भेजा जा रहा है या नहीं। ऐसा ही आगरा में एक माजरा सामने आया है जिसमें हेलमेट ना पहनने के चलते ट्रैफिक पुलिस ने टाइम्स ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ पत्रकार के घर फोटो चालान भेज दिया जबकि जिस नंबर का फोटो चालान भेजा गया है उस नंबर पर वाहन स्वामी के पास अमेज़ कार है।
हैरानी वाली बात यह है कि फोटो चालान में दोपहिया वाहन के स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जबकि उसी उस नंबर पर चार पहिया वाहन की डिटेल आ रही है जो वरिष्ठ पत्रकार की पत्नी के नाम है। सोचने वाली बात यह है कि फोटो चालान बनाने और रिपोर्ट लिखने के दौरान किसी ने भी यह देखने की जहमत नहीं उठाई कि यह पूरी जानकारी सही है या नहीं।
गलत फोटो चालान भेजे जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी आगरा पुलिस ने एक कार स्वामी के पास हेलमेट ना पहनने के लिए फोटो चालान भेज दिया था। जबकि पड़ताल में यह सामने आया था कि उस व्यक्ति के पास कोई दुपहिया वाहन नहीं था और जिस नंबर पर फोटो चला आया था उस नंबर पर उसकी कार थी जो पिछले कई महीनों से गैराज में ही खड़ी थी।
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर किसी भी व्यवस्था में सुधार अच्छा कदम है लेकिन उस टेक्नोलॉजी को अच्छे से प्रयोग करने के लिए समय-समय पर प्रशासन को कार्यशाला भी आयोजित करनी चाहिए ताकि भविष्य में फिर कभी ऐसी कोई गलती ना हो।