Agra. आम बजट से इस बार पर्यटन से जुड़ी होटल इंडस्ट्रीज के लोगों को काफी उम्मीदें है लेकिन उन्हें डर भी है कि हर बार की तरह कही उन्हें कहीं सरकार से लॉलीपॉप न मिल जाये। उनकी उम्मीदें कही चकनाचूर न हो जाये। आम बजट को लेकर होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा से खुलकर वार्ता हुआ। उन्होंने बजट का नाम सुनते ही कहा कि ‘बजट, इसमें तो पर्यटन का नाम तक नहीं लिया जाता है और एमएसएमई होटल इंडस्ट्रीज को तो इंडस्ट्री मानती ही नही है। फिर भी इस बार उन्हें उम्मीद है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अलग से पर्यटन बोर्ड बनाये, जीएसटी को घटाया जाए और होटल कारोबार को भी इंडस्ट्री घोषित किये जाने का नोटिफिकेशन जारी करें।
देश की जीडीपी में 10% तो एम्प्लॉयमेंट में 8.5% का कॉन्ट्रिब्यूशन
होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने बताया कि बजट में से टूरिज़म को ऐसे निकलकर फेंक दिया जाता है जैसे दूध में से मक्खी। इसलिए तो देश की इकोनॉमी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के बाद भी टूरिज्म को बढ़ाने के लिए बजट में न तो बजट के लिए कोई प्रावधान होता है और न ही कोई योजना। जबकि नॉन पॉल्यूटेड इंडस्ट्री देश की जीडीपी में 10% तो एम्प्लॉयमेंट में 8.5% का कॉन्ट्रिब्यूशन करती है। मोदी सरकार का 9वां बजट आने को है। पिछले आठ बजट में तो सरकार से लॉलीपॉप मिला है। इस बार देखते है कि मोदी सरकार के बजट पिटारे से क्या मिलता है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बने अलग से बोर्ड
मून ब्रेकिंग से रूबरू होते हुए होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने कहा कि इस बार बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अलग से बोर्ड बनाये जाने की व्यवस्था की जाए जिससें उस बोर्ड के माध्यम से सरकार से जो भी बजट के रूप में राजस्व मिले उसे पर्यटन के इंडस्ट्रीज के बढ़ावा देने में खर्च हो सके। क्योंकि पर्यटन बोर्ड बनाये जाने की मांग वर्षों से लंबित चली आ रही है। इस इंडस्ट्री के बोर्ड में जनप्रतिनिधियों के साथ पब्लिक की भी भागेदारी होनी चाहिए।
होटल एंड टूरिज्म को भी इंडस्ट्री का मिले दर्जा
आपकों बताते चले कि होटल इंडस्ट्री को अभी तक इंडस्ट्री का दर्जा नहीं मिला है। इसलिए तो बैंक उन्हें लोन नहीं देती है। कोरोना के समय सरकार ने लघु उद्योगों को काफी मदद की। एमएसएमई ने भी इस बीच काफी योजनाओं से लघु उद्योगों की मदद की लेकिन होटल इंडस्ट्री के लिए सभी के हाथ खाली थे।
लगाए गए जीएसटी टैक्स को हटाया जाए
रमेश वाधवा ने बताया कि इस समय होटल इंडस्ट्री अपने बूम पर नहीं है। इसके बावजूद सरकार में उनके साथ दोहरी रणनीति का खेल खेला है। बजट क्लास और लक्ज़री होटलों के लिए जीएसटी टैक्स का स्लैब बराबर कर दिया है। बजट क्लास होटल पर सरकार ने 12% टैक्स उस समय लगाया जब इंडस्ट्री कोरोना से जूझ रही थी। कोरोना के चलते वैसे ही पर्यटक कम आ रहा है और जो आ रहा है उससे होटल किराए के साथ जीएसटी मांगने पर मोलभाव पर विवाद हो जाता है और अधिकतर पर्यटक लौट जाता है। ऐसे में बजट क्लास होटल कैसे चलेंगे जबकि आगरा आनेवाले पर्यटकों में बजट क्लास पर्यटको की संख्या अधिक है। इसलिए बजट क्लास होटल पर जो 1 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक जो जीएसटी लगाया गया है उसे हटाया जाए।
शहर में नाईट टूरिज़म को बढ़ावा दिया जाए
होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा का कहना है कि आगरा जो पर्यटक आता है वो रात में रुकता ही नहीं है। दिल्ली की टूरिज़म लॉबी हावी है। दिल्ली से सुबह पर्यटक को आगरा लाता है और ताजमहल लालकिला घुमाने के बाद दिल्ली वापस या फिर जयपुर निकल जाता है। इसलिए आगरा के हाथ खाली रहते है। आगरा के टूरिज्म बढ़े उसके लिए नाईट टूरिज्म को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए लाइट एंड साउंड शो, यमुना किनारे चौपाटी और नाईट मार्केट यानी बाजार को बढ़ावा देना होगा। जब पर्यटक को कुछ अलग मिलेगा तभी पर्यटक आगरा में रुकेगा और इन कदमों और योजनाओं से ही आगरा का टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।