आगरा। भारतीय पुरातत्वविद एवं पदमश्री से सम्मानित के के मुहम्मद के बयान ने राम मंदिर के मुद्दे को लोकसभा चुनाव के बीच हवा दे दी है। पदमश्री सम्मानित के के मोहम्मद आगरा पहुँचे थे और एएसआई दफ्तर में अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से रूबरू हुए थे। पत्रकार वार्ता के दौरान पदमश्री सम्मानित पुरातत्वविद के के मोहम्मद अपने कार्यों के आधार पर राम मंदिर और ताजमहल पर बड़े बयान दे दिए।
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर उन्होंने साफ कहा कि मैंने बाबरी मस्जिद के गिरने से पहले खुदाई के दौरान मस्जिद के नीचे दबे राम मंदिर को ढूंढा है। अयोध्या में सिर्फ़ राममंदिर ही है। लेकिन कुछ इतिहासकारों ने इसे गलत तरीके से मोड़ा और मुस्लिमो को भड़काया जबकि मुस्लिम को इससे कोई सरोकार नही था। अयोध्या में पहली खुदाई में 9 और 2003 की दूसरी खुदाई में 50 से ज्यादा पिलर और प्रणाली मिली जो सिर्फ हिन्दू मंदिरों में ही होती है। इससे साफ था कि उस स्थान पर पहले राम मंदिर था जिसकी कहानी यह अवशेष कहते है। पदमश्री सम्मानित पुरातत्वविद के के मोहम्मद ने साफ कहा कि जैसे मुस्लिमों के लिए मक्का मदीना अहमियत रखता है वैसे ही आम हिंदुओं के लिए भी राममंदिर महत्व रखता है। इसलिए राम जन्म भूमि को राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदूओं को दे देना चाहिये।
मुस्लिम पुरातत्वविद के के मोहम्मद ने बताया कि ऐसे करीब 200 खोजे उन्होंने की है जिसमें मंदिर भी शामिल है जिन्हें उन्होंने बचाया है। इस दौरान पुरातत्वविद
के के मोहम्मद ने ताजमहल पर भी बयान दिया है। उनका कहना था कि कहा कि ताज़महल सिर्फ ताजमहल है वह शिवमंदिर नहीं है न ही तेजोमहालय है। ताजमहल के आसपास खुदाई में ऐसा कुछ नही मिला है जिससे यह साबित हो कि ताजमहल से पहले उस स्थान पर शिव मंदिर हो। अगर कोई ताज़महल को शिवमंदिर या तेजोमहालय कहता है तो उसके प्रमाण दें। इतना ही नही उन्होंने कहा कि कुछ लोग प्रोपोगेंडा फेला रहे है जिस तरह से हिंदुओ के लिए अयोध्या में राम मंदिर आस्था का केंद्र उसी तरह से मुस्लिमों के लिए ताजमहल है।
पदमश्री मिलने पर उन्होंने कहा कि यह बहुत कम होता है कि किसी पुरातत्वविद को उसके उत्खन कार्य के लिए पदमश्री मिले। इसके लिए मैं अपनी टीम और साथियों को धन्यवाद करूंगा जिनके समर्थन से उन्हें पदमश्री मिला है।