आगरा। पाँच साल पूर्व अपनी नौकरी जाने के बाद 75 वर्षीय एक बुजुर्ग आज सड़क पर चारपाई रखकर समान बेचने को मजबूर हैं। लाचार और बेबस इस बुजुर्ग की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हैं। बुजुर्ग ने पैसे उधार लेकर चारपाई पर रखकर पान मसाला बेचने का काम शुरू किया है। लगभग छह सौ रुपये के माल को रखकर बुजुर्ग दिनभर में लगभग 30 से 40 रुपये ही कमा पाता है। महंगाई के इस दौर में 30 रुपये से घर चलना काफी मुश्किल भरा काम हैं। ऐसे में बुजुर्ग दंपति अपना भरण पोषण किस तरह कर रहे हैं, इसका आंकलन करना काफी मुश्किल हैं।
मामला शहीद नगर क्षेत्र के बड़ी मस्जिद के पास का हैं। 75 वर्षीय बुजुर्ग इंतजार खान सड़क के पास एक चारपाई में कुछ सामान रखकर उसे बेचने का काम करते हैं। समान में गुटखे और बच्चों के खाने पीने की चीजें शामिल हैं। अगर पूरे माल के मूल्य का आंकलन किया जाए तो इसकी कीमत पांच से छह सौ रुपये से अधिक नहीं बैठेगी। बुजुर्ग को पूरे दिन की दुकानदारी में मात्र 30 से 40 रुपये से अधिक नहीं मिल पाते हैं। इन्हीं पैसों से बुजुर्ग अपना और पत्नी का जैसे-तैसे पेट पालने को मजबूर हैं। बुजुर्ग के अनुसार उनका कोई पुत्र नहीं हैं। चार बेटियां थी जिसकी शादियां हो चुकी हैं। एक विवाहित पुत्री का अभी छह माह पूर्व एक हादसे में देहांत हो चुका हैं। अब आगे पीछे बुजुर्ग दंपति का कोई सहारा नहीं हैं।
स्पीड कलर लैब में करते थे काम
बुजुर्ग इंतजार खान के अनुसार वह संजय पैलेस स्थित स्पीड कलर लैब में फोटोग्राफरी का काम करते थे। पांच साल पहले उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। उसके बाद से बेरोजगारी के दिन देखने पड़े। कोरोना ने पूरी कमर उनकी तोड़ कर रख दी है। बुजुर्ग होने के नाते मजदूरी होती नहीं और भीख मांग नहीं सकते। इसलिए लोगों की मदद से गुटखा व पान मसाला बेचने का काम शुरू कर दिया।
इलाज कराने को भी नहीं है पैसे
इंतजार खान के पैर में कई जख्म है। कई डॉक्टरों से इलाज कराया, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। उनकी पत्नी अर्जुमन बेगम (70) की तबीयत भी ठीक नहीं रहती थी। दवाइयों के लिए पैसे तक का अकाल पड़ गया। बुजुर्ग इंतजार खान ने अपनी जीविका चलाने के लिए एक चारपाई और थोड़े समान का इंतजाम कर दुकानदारी शुरू की। पैसों के अकाल में माल सिर्फ पांच से छह सौ रूपये तक का ही हो पाया। पूरे दिन की कमाई मात्र 30 रुपये में दंपति बुजुर्ग अपनी जीविका चलाने को मजबूर हैं। अब इन 30 रुपये में दो वक्त की रोटी खाई जाए या इलाज कराया जाए, ये कहते हुए बुजुर्ग की आंखे भर आईं। आराम करने की इस उम्र में इंतजार खान आस लगाए बैठे हैं कि कहीं से उनकी कोई मदद आये। जीवन के अंतिम क्षणों में इंतजार खान और उनकी पत्नी की यह हालत किसी को भी रोने को मजबूर कर देती हैं।