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श्रमिक महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उ०प्र० ग्रामीण मजदूर संगठन उठायेगा ये कदम

by pawan sharma

आगरा। श्रमिक महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अंदर कुशल नेतृत्व को निखारने के लिए उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन और बीडव्लूआई की ओर से होटल गंगारत्न में महिला समिति की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय वर्कशॉप में बीडव्लूआई के साउथ एशिया कॉर्डिनेटर शाक्षी अग्रवाल और पारुल मुख्य अतिथि के रूप में पहुँची तो विभिन्न श्रमिक संगठन से जुड़ी महिलाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

वर्कशॉप की शुरुआत मुख्य अतिथियों के स्वागत सत्कार से हुई और उसके बाद बीडव्लूआई की शाक्षी अग्रवाल ने सभी श्रमिक महिलाओं को संबोधित करते हुए उनकी समस्याओं को जाना। इसके बाद साक्षी अग्रवाल ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे। उन्होंने श्रमिक महिलाओं को समझाया कि महिला पुरुषो की अपेक्षा अधिक काम करती है लेकिन इसके बावजूद भी उसकी स्थिति दयनीय है। कारण है कि महिलाये कुशल नही है और अपने हक के लिए आवाज नही उठाती हैं। क्योंकि उनकी ट्रेड यूनियन में भी भागेदारी नही है। इसलिए श्रमिक महिला की स्थिति आज भी दयनीय बनी हुई है। महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज महिला को स्वयं अपने हक के लिए आगे आना होगा जो सिर्फ कुशल नेतृत्व और सशक्तिकरण से ही संभव हो सकता है और यह सब श्रमिक महिलाओ के ट्रेड यूनियन में आने से ही होगा।

बीडव्लूआई के साउथ एशिया कॉर्डिनेटर साक्षी अग्रवाल ने बताया कि डीजीबीबीडव्लू फेडरेशन के तहत भारत में श्रमिक महिलाओं के कुशल नेतृत्व और उनके सशक्तिकरण को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में इस अभियान की शुरुआत उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के साथ की गई है। इस अभियान के माध्यम से श्रमिक महिलाओं को सशक्त बनाना है और उन्हें कुशल नेतृत्व करने में दक्ष करना है जिससे श्रमिक महिलाओं को समान वेतन मिले, उन्हें भरपूर काम मिले और वो अपने जीवन और बच्चों का भविष्य संवार सके। इतना ही नही इस अभियान के माध्यम से महिलाओं की स्किल को भी डेवलप किया जा रहा है। भारत के अन्य राज्यो में यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने बताया कि असंगठित क्षेत्र मे श्रमिक महिलाओं की स्थिति ठीक नही है महिलाये पुरुषो के अपेक्षा अधिक काम करती है फिर भी उनका हर स्तर पर शोषण है चाहे वो वेतन से संबधित हो या फिर काम से।

तुलाराम शर्मा का कहना है कि इस अभियान को पूरे प्रदेश में बीडव्लूआई के सहयोग से असंगठित क्षेत्र के हर महिला मजदूर के लिए चलाया जाएगा जिससे वो अपने हक के लिए आगे आये। उनके अंदर कुशल नेतृत्व हो और वो संगठित होकर सशक्त बन सके। आज ट्रेड यूनियन में महिलाओं की भागीदारी कम है जिस कारण उनकी समस्याओं के लिए आवाज नही उठती। अगर महिलाओं की ट्रेड यूनियन में भागेदारी होगी तो महिलाओं का शोषण नही होगा।

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