आगरा जनपद के बाह क्षेत्र के अंतर्गत चंबल किनारे बसे गांव गुढा और पुराडाल में हैंडपंपों में पानी खारा होने के चलते ग्रामीण चंबल से पानी भरकर अपनी प्यास बुझाते हैं। चंबल के पानी को ग्रामीण नहाने एवं पशुओं के लिए इस्तेमाल करते हैं।
बाह तहसील क्षेत्र के चंबल नदी के किनारे के टीले पर बाह के गुढा और पुराडाल गांव बसे हैं। पशु पालन पर आश्रित दोनों गांवों के लोगों की प्यास चंबल नदी से बुझती है। गर्मी के दिनों में चंबल नदी की धारा सिकुडने की वजह से यहां के लोगों को मुश्किलें हो रही है। करीब 7 किलोमीटर की पगडण्डी पर चलकर 1200 की आबादी वाले गांव गुढा तक हम पहुंच पाते है। गांव नदी के किनारे पर है, हैण्डपम्प लगे हैं, पानी खारा है, इसलिए नदी के पानी से गांव के पशुओं और ग्रामीणों की प्यास बुझती है। वहीँ करीब 5 किमी खादर में चलने के बाद 600 की आबादी वाले पुराडाल गांव के टीले तक पहुंच पाते हैं।
इतनी दूर जंगल में बसे होने के कारण ये दोनों गाँव अन्य ग्रामीण क्षेत्र से कटे हुए हैं जिसके चलते यहां जनसुविधाओं का काफी अभाव है। यहां पर झोंपडियों में रहने वाले लोग बकरियां चराकर अपनी जीविका चलाते है। गांव में पीने के पानी का एक मात्र सहारा चंबल नदी है। गर्मी के दिनों में नदी की धारा सिकुडने की वजह से पीने के पानी को दोनो गांवों के वाशिंदे परेशान है।
यहां के निवासियों ने बताया कि गांव में पीने के पानी के लिए टंकी और हैण्डपम्प की व्यवस्था हो तो समस्या का स्थाई समाधान हो सके। ग्रामीणों ने टंकी लगवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। ताकि ग्रामीणों की पानी संबंधी समस्याओं का जल्द समाधान हो सके।
रिपोर्ट – नीरज परिहार, आगरा देहात