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डेंटल और हार्ट अटैक के बीच है गहरा संबंध, हार्ट के मरीजों को रखनी चाहिए ये सावधानियां

by admin
There is a deep connection between dental and heart attack, heart patients should take these precautions

आगरा। डेंटल और हार्ट अटैक के बीच है गहरा संबंध, हार्ट के मरीजों को रखनी चाहिए ये सावधानियां।

डेंटल हेल्थ या ओरल हेल्थ की देखभाल बहुत जरूरी है, ये हृदय से जुड़ा हो सकता है। इस लेख में आपको डेंटल हेल्थ और हार्ट हेल्थ के बीच संबंध के बारे में विस्तार से बता रहीं हैं डॉ. नेहा सक्सेना जो कि दंत विशेषज्ञ हैं।

मुंह के बैक्टीरिया हो जाते हैं खतरनाक
उनका कहना है कि जब आप अपनी ओरल हेल्थ का ख्याल नहीं रखते हैं तो आपके मुंह में बैक्टीरिया हो जाते हैं। जिसकी वजह से आपके दांतों पर एक चिपचिपी परत जम जाती है। दांतों पर जमी इस रंगहीन और चिपचिपी परत को प्लाक कहते हैं। समय के साथ यह प्लाक आपके मसूड़ों के नीचे दांतों की जड़ों पर भी विकसित हो सकते हैं और आपके मसूड़ों में सूजन का कारण बन सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं यह दांतों के आसपास की हड्डी सहित दांतों की सहायक संरचनाओं में प्रवेश कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पीरियोडॉन्टल डिजीज (Periodontal Disease) हो सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं इसका आपके हृदय स्वास्थ्य पर भी गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है? डेंटल डिजीज आपके हृदय स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ये गंभीर हृदय रोग का भी कारण बन सकते हैं।

डेंटल और हार्ट हेल्थ के बीच क्या संबंध है?
दंत विशेषज्ञ डॉ नेहा सक्सेना ने बताया कि ऐसे कई जैविक अध्ययन हैं जिनमें दिल की क्षतिग्रस्त वाल्वों पर, और साथ ही तीव्र दिल के दौरे वाले रोगियों की दिल की धमनियों में मौजूद थक्कों में पीरियोडोंटल बैक्टीरिया (Periodontal Bacteria) की उपस्थिति को दिखाया है, जिससे डेंटल हेल्थ और हृदय रोग के बीच संबंध की परिकल्पना की गई है। यहां तक कि ओरल बैक्टीरिया भी एक तरह की सूजन और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकते हैं जो स्वतंत्र रूप से आपके हृदय को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा इंफ्लेमेटरी कोशिकाओं और इंफ्लेमेटरी मार्गों को भी हृदय के एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया में भाग लेते हुए दिखाया गया है, जिन्हें पीरियडोंन्टल डिजीज में मौजूद पाया गया है।

साढ़े तीन गुना बढ़ जाता है खतरा
इसी तरह, पीरियोडोंटल डिजीज के परिणामस्वरूप पैदा होने वाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं भी एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास और प्रगति से जुड़ी होती हैं। डायबिटीज मेलेटस, स्मोकिंग, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा सहित पीरियडोंटल डिजीज के जोखिम कारक भी हृदय रोग के जोखिम कारक हैं। महामारी विज्ञान के 1980 के दशक के एक अध्ययन में पीरियोडोंटल डिजीज और हृदय रोग के बीच एक सकारात्मक संबंध दिखाया गया है, अध्ययन का अनुमान है कि इससे हृदय रोग का खतरा 3.5 गुना बढ़ जाता है।

दांतों से संबंधित रोग और हृदय रोग को जोड़ने वाले अवलोकन संबंधी आंकड़ों के बावजूद, इस बात के प्रमाण सीमित और अनिर्णायक है कि पीरियोडोंटल रोग का उपचार हृदय संबंधी घटनाओं को कम करता है।

तो हृदय में प्लाक के विकास का जोखिम बढ़ जाता है
दंत विशेषज्ञ डॉ. नेहा सक्सेना ने बताया कि हमारे दांतों में प्लाक का मतलब यह नहीं है कि हमारी दिल की धमनियों में भी प्लाक है, हालांकि ओरल हेल्थ महत्वपूर्ण है। यदि दांतों और मसूड़ों संबंधी बीमारियों को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है तो यह हृदय में प्लाक के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है। आपके मुंह में मौजूद यह बैक्टीरिया आपके रक्तप्रवाह पर आक्रमण करते हैं और फिर आपके हृदय सहित शरीर के विभिन्न अंगों में फैल जाते हैं, जहां यह कोरोनरी या दिल की धमनियों की दीवारों पर जमा हो सकते हैं और प्लाक का निर्माण कर सकते हैं।

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