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‘आगरा जिले में 2825 तालाब हैं कब्जा मुक्त, जनहित में करायें इनका जीर्णोद्धार’ – राजा अरिदमन सिंह

by admin
'There are 2825 ponds in Agra district free from occupation, get them renovated in public interest' - Raja Aridaman Singh

आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी को पत्र देकर जनपद आगरा में स्थित तालाबों एवं पोखरों की खुदाई कर उनके जीर्णोद्धार की माँग उठाई है ताकि पर्यावरण बेहतर हो, भूजल स्तर ऊपर उठे और पानी की विकराल समस्या से आमजन को निजात मिल सके।

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी प्राप्त कर राजा अरिदमन सिंह ने पत्र में लिखा है कि तहसील बाह में 813, फतेहाबाद में 647, सदर में 197, खेरागढ़ में 677 और एत्मादपुर में 491 तालाब सहित पूरे आगरा जनपद में 2825 तालाब और पोखर कब्जा मुक्त हैं। सरकार की नीति की अनुसार 15वें वित्त आयोग, मनरेगा एवं सरकार की अन्य योजनाओं के तहत स्वीकृत धनराशि से इन कब्जा मुक्त तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जाए। इनकी खुदाई का कार्य कराया जाए।

उन्होंने लिखा है कि इस कार्य में गाँव के निवासियों, प्रधान, बीडीसी, ब्लॉक प्रमुख आदि को श्रमदान के लिए प्रेरित किया जाए और विधायक-सांसद आदि जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए ताकि बरसात में जल संचय होता रहे।

राजा अरिदमन सिंह का कहना है कि इन तालाबों के पुनः जीवित होने से इनमें जल संचय हो सकेगा। पशु-पक्षियों को जल मिलेगा। भूगर्भ जल स्तर ऊपर उठेगा। लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा और पानी की विकराल समस्या से आमजन को निजात मिल सकेगी।

करायें वृक्षारोपण

राजा अरिदमन सिंह का कहना है कि इन तालाबों को मूर्त रूप प्रदान कर इन तालाबों के किनारे अच्छी तरह वृक्षारोपण किया जाए। आम, जामुन, पीपल आदि के अच्छे और बड़े पेड़ लगाए जाएँ जिससे पर्यावरण बेहतर हो। बेहतर पर्यावरण से वातावरण में नमी बनी रहेगी।

तीन साल से प्रयास जारी

राजा अरिदमन सिंह तीन सालों से तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी से लगातार पत्राचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मुख्य विकास अधिकारी इस कार्य में बहुत रुचि ले रहे हैं। विशेषकर तालाबों की सफाई और उन्हें गहरा कराने तथा जल संचय में उनका प्रयास सराहनीय है। उन्होंने पिछले साल उटंगन नदी में काम कराया था, उसके फलस्वरूप उटंगन नदी में अभी भी पानी है। यही नहीं, इन्हीं के प्रयास से प्राइमरी स्कूलों की छतों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम भी किया जा रहा है।

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