Agra. आगरा के जिला मुख्यालय से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। यह कोई पहली तस्वीर नहीं है। इससे पहले भी यह तस्वीर सामने आई थी। बस दिन और तारीख बदल गए हैं। फर्क इतना था पिछले दिनों जब यह पीड़ित परिवार पहुंचा था तो उस समय पुलिस के आला अधिकारी किसी दिवस में गए हुए थे लेकिन आज पीड़ित परिवार यह ठान कर बैठा था कि पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करनी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करानी है।
ठेल पर लेकर पहुंचा पीड़ित पिता
बेटी का यह पीड़ित पिता अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए बेटी की चारपाई को ठेल पर रखकर जिला मुख्यालय पहुंचा। इस दृश्य को देखकर हर कोई इस पीड़ित परिवार की ओर टकटकी लगाकर देख रहा था और जब पीड़ित से पूछा तो उसका दर्द सुनकर सभी की आंखें भर आई।
दामाद ने हीं बेटी को फेंक दिया छत से
डौकी क्षेत्र के गांव हंसपुरा का है। पीड़ित पिता भगवान दास ने बताया कि 21 जुलाई को गर्भवती बेटी को उसके पति ने गुस्से में आकर दूसरी मंजिल से फेंक दिया। बेटी पहली मंजिल की छत पर आकर गिरी जिससे उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया।इसकी शिकायत लेकर वह थाने पहुँचा लेकिन थाना पुलिस कोई कार्रवाई नहीं की। वह अब भी लगातार थाने के चक्कर लगा रहा है लेकिन पुलिस सिर्फ टहलाने का काम कर रही है। इसके बाद थक-हार कर पिता अपनी घायल बेटी को चारपाई पर लिटाकर आज जिला मुख्यालय लेकर आया है।
पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
पीड़िता के पिता भगवान दास ने बताया, “दो बेटियों सुनीता और सुशीला की शादी 8 साल पहले गिर्राज सिंह के बेटों महेश और राहुल के साथ की थी। सुनीता को पति राहुल ने कहासुनी होने पर दूसरी मंजिल की छत से फेंक दिया। उसकी चीख कर सुनकर सुशीला उसे बचाने आई। साथ ही उसने घटना की जानकारी पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर भी दी। मौके पर पुलिस एंबुलेंस के साथ पहुंची थी। घटना पिछले महीने की है। शिकायत के बाद भी आरोपियों के खिलाफ थाना पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
पिता के साथ रह रही हैं दोनों बहनें
सुशीला के पति महेश की पहले ही मौत हो चुकी है। सुशीला ने बताया कि ससुराल वाले हम दोनों बहनों को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दे रहे हैं। इसीलिए सुनीता और सुशीला अपने पिता के घर नाई की मंडी आगरा में रह रही हैं। दोनों बहनों को डर है कि अगर वे सुसराल गईं, तो उनकी हत्या करा दी जाएगी। दोनों बहनों ने ननद, ससुर और देवर समेत अन्य घरवालों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
पैर टूटने से चल फिर नहीं पा रही सुनीता
पीड़ित सुशीला ने बताया कि उसके पति महेश की मौत दो साल पहले हार्ट अटैक से हो गई थी। उसके पति घर में भाइयों में सबसे बड़े थे। उन्हें भी घर वाले परेशान करते थे। वह टेंशन में रहते थे। उसके एक बेटा है। वहीं, उसकी छोटी बहन, जिसकी देवर राहुल के साथ शादी हुई है, उसके एक बेटा और बेटी है। सुशीला ने बताया कि बहन लगभग 7 महीने की गर्भवती है। राहुल ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की। उसे छत से नीचे फेंक दिया। उसके पैर में फ्रैक्चर है, प्लास्टर बंधा है और वह चल-फिर नहीं सकती। गभर्वती होने की वजह से उसकी मुश्किल और बढ़ गई है।
खुलेआम घूम रहे आरोपी
पीड़ित सुशील ने बताया कि शिकायत दर्ज करने के बावजूद पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही। वह खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें धमकियां भी दी जा रही हैं पुलिस से जब शिकायत करते हैं तो पुलिस वाले यह कह कर टाल देते हैं कि आपके मामले में कार्रवाई चल रही है।
एसीपी सुकन्या का पसीजा दिल
घायल बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए कलक्ट्रेट पहुँचे बुजुर्ग माता पिता, परिवार की हालत देख एसीपी सुकन्या शर्मा का दिल पसीज गया। उन्होंने पीड़ित परिवार से वार्ता की और सुशीला की पूरी बात भी सुनी। इसके बाद उसे इंसाफ मिलेगा इसके प्रति आश्वस्त भी किया। आश्वासन मिलने पर पीड़ित पिता अपनी घायल बेटी को लेकर घर चला गया। वहीं सुशीला की तबीयत बिगड़ने पर उसे आगरा की जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जिला अस्पताल में भर्ती सुशीला का कहना है कि एसीपी ने उन्हें आज शाम तक आरोपियों की गिरफ्तारी और कार्रवाई होने का आश्वासन दिया है। अगर इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती तो वह सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर पूरे परिवार के साथ आत्मघाती कदम उठा सकती है।
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