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गुजरात में सम्पन्न हुआ अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का सातवां अधिवेशन, ये प्रस्ताव हुए पास

by admin

आगरा। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन में मेहसाणा (गुजरात) में सम्पन्न हुआ। इस अधिवेशन में 28 राज्यों के लगभग 4000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अधिवेशन में जनपद आगरा से प्राथमिक संवर्ग के शिक्षक के प्रतिनिधि मण्डल ने प्रतिभाग किया।

इस राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने किया। अधिवेशन में शिक्षा को बेहतर बनाने और शिक्षकों की तमाम समस्याओं को लेकर चर्चा हुई। अधिवेशन में देशभर से आये विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर अपने अपने व्याख्यान दिये और अपने विचार रखे।

इस तीन दिवसीय अधिवेशन में तीन प्रस्ताव पास किए गए –

  1. पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सब जुटें
  2. शिक्षा में गांधी जी के शैक्षिक विचारों का समावेश हो
  3. शिक्षा एवं शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण अविलंब किया जाये

इस अधिवेशन के दौरान शैक्षिक उन्नयन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रख्यात शिक्षाविद निवेदिता रघुनाथ भिडे, प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा और प्रो. रवीन्द्र अवादास मुले को शिक्षा भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि हमारी मान्यता सांस्कृतिक, धरोहर व देश की आवश्यकता के आधार पर प्राथमिक व उच्च शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना है जिससे छात्रों को हर विषय की बेहतर शिक्षा मिले। शिक्षा के माध्यम से ही बेहतर राष्ट्र निर्माण हो सकता है।

कार्यक्रम का समापन आरएसएस के सरकार्यवाह भैया जी जोशी, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल ने किया।

इस राष्ट्रीय अधिवेशन में आगरा से अभय यादव जिला महामंत्री, डॉ मनोज परिहार वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उमेश यादव ब्लाक अध्यक्ष बरौली अहीर, मुकेश वर्मा ब्लाक मंत्री बरौली अहीर, रामवीर सिंह ब्लाक अध्यक्ष बिचपुरी एवं अजीत नौहवार जिला मीडिया प्रभारी शामिल हुए थे।

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