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नशे को बॉय-बॉय कहने का सही वक्त, दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाएँ हमेशा के लिए छुटकारा पाएं

by admin

आगरा। कोरोना का यह दौर नशे की लत से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाने में बहुत ही मददगार साबित हो सकता है । पिछले एक महीने से चल रहे लाक डाउन के दौरान घर के अंदर परिवार के साथ रहने के कारण या आसानी से उपलब्धता न होने के चलते बीड़ी-सिगरेट का एक कश भी न लेने वाले दृढ़इच्छा शक्ति लाकर अब हमेशा-हमेशा के लिए इससे छुटकारा पा सकते हैं। शराब, गांजा, भांग व अन्य नशे से भी छुटकारा मिल सकता है।

​राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. पीके शर्मा का कहना है कि नशे से छुटकारा पाने का यह एकदम सही समय है। इससे पूरी तरह से छुटकारा दिलाने में प्राणायाम और ध्यान भी बहुत ही सहायक साबित हो सकता है। धूम्रपान अगर कुछ समय तक किसी भी कारण से छूट जाता है तो लोग अपने में संयम लाकर इससे हमेशा के लिए मुक्ति पा सकते हैं। इससे जहाँ जीवन में खुशहाली आ सकती है वहीँ शरीर भी निरोगी बन सकता है। धूम्रपान के साथ ही लोग करीब 40 तरह के कैंसर को न्योता दे देते हैं, इसलिए इससे छुटकारा पाने में ही खुद के साथ ही समाज की भी भलाई है। स्मोकिंग के बाद करीब 70 फीसद जो धुआं बाहर छोड़ते हैं वह उन सभी को प्रभावित करता है, जो उसके संपर्क में आते हैं । इस समय देश में करीब 12 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं और उनमें से कुछ फीसद भी नशे को छोड़ देते हैं तब भी समाज का बहुत भला होगा। क्योंकि धूम्रपान करने वाले से ज्यादा नुकसान उसके धुंएँ की चपेट में आने वालों का होता है। इस बीच बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगी है, इसके चलते आसानी से इसकी उपलब्धता भी ख़त्म हो गयी है।  इसके अलावा खुले में थूकने पर भी मनाही है, इस भय से भी लोग अब नशे से तौबा करने में ही अपनी भलाई समझेंगे ।

परिवार का सहयोग भी है जरूरी :

यदि कोई व्यक्ति एक से छह महीने तक नशा न करे तो दृढ़ इच्छा शक्ति और परिवार के सहयोग से सदा के लिए नशे से छुटकारा पा सकता है। अपने में दृढ़ इच्छा शक्ति लाएं और तय कर लें कि अब बिना नशे के भी वह सामान्य तरीके से जिदगी जी सकते हैं। जब कभी नशे की लत महसूस हो तो अपनों के बीच बैठ जाइए और उनके साथ समय व्यतीत करें या किसी ऐसे मनपसंद काम में मन लगायें ताकि नशे की लत को भूल जाएँ। यही छोटी-छोटी तरकीब आजमा कर बेहतर जिन्दगी की तरफ बढ़ चलेंगे। 

ममता यादव, नैदानिक मनोवैज्ञानिक मानसिक स्वास्थ्य आगरा की माने तो-फोर डी फैक्टर सबसे अधिक कारगर साबित हो सकता है। 4डी फैक्टर यानि डीप ब्रीथिंग (गहरी सांस लेना), डिनाय (मना करना), डिले (देर करना) और ड्रिंक मोर वाटर (ज्यादा पानी पीना) बहुत ही कारगर साबित हो सकता है। जब कभी नशे की लत महसूस हो गहरी सांस लें और दूसरे कामों में मन लगायें, कोई अगर नशे के लिए आफर भी करे तो मना करने की आदत डालें, नशे की लत महसूस हो तो अन्य कार्यों को तरजीह देकर नशे को टालें और खूब पानी पियें ताकि पेट भरा हुआ महसूस हो ताकि नशा की इच्छा ही न हो ।

डॉ.पवन, आयुष चिकित्सक के अनुसार योगा और ध्यान अपना कर भी आप व्यसन से मुक्त हो सकते हो। ​प्राणायाम, अनुलोम -विलोम, कपालभाति, भ्रामरी योग और ध्यान भी नशे से मुक्ति दिलाने में बहुत ही सहायक हैं। जो व्यक्ति नियमित प्राणायाम करता है, उस व्यक्ति के शरीर का सिस्टम इस तरह का हो जाता है कि वह नशीली चीजों के सेवन से अपने आप दूर हो जाता है। इससे खून भी साफ़ होता है और यह एक माह में ही असर दिखाना शुरू कर देता है।

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