आगरा। सुल्तानगंज पुलिया के ऊपर भले ही फ्लाईओवर बन गया हो लेकिन फ्लाईओवर बनने से पहले सुल्तानगंज पुलिया के जो नारकीय हालत थे वह आज भी बने हुए हैं। जाम की स्थिति से शहरवासी आज भी इस चौराहे पर जूझते हुए दिखाएं देते हैं।
सुबह और दोपहर में तो ऐसे तैसे आप गाड़ी को इधर-उधर कर कर जाम से निकल जाएंगे लेकिन जैसे-जैसे शाम ढलती जाती है। इस चौराहे पर जाम के हालात बद से बदतर होते चले जाते हैं। अगर आप सुल्तानगंज पुलिया पर होने वाले शाम केे जाम को देख लेंगे तो आप कभी भी इस चौराहे से शाम को निकलने की जहमत तक नहीं उठाएंगे। क्योंकि इस जाम से निकलने में आपको घंटों बीत जाएंगे और जिस कार्य के लिए आपको जाना है वह कार्य आपका अधूरा ही रह जाएगा।
सबसे ज्यादा दिक्कत शाम को इस चौराहे पर एंबुलेंस चालकों को होती है क्योंकि एंबुलेंस में मरीज होता है और उसे जल्द से जल्द पहुंचाने की जद्दोजहद एंबुलेंस के ड्राइवर को करनी होती है लेकिन फिर भी वह घंटों एग्जाम से नहीं निकल पाते। यहां के दुकानदार और यहां से गुजरने वाले लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार इस जान का जिम्मेदार कौन है।
फ्लाईओवर बनने से पहले जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जिला प्रशासन यह कहता था कि फ्लाईओवर पर जाने के बाद सुल्तानगंज पुलिया के जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी लेकिन लोगों का कहना है कि फ्लाईओवर बनने के बाद यहां जाम की समस्या और दुगनी हो गई है।
क्षेत्रीय दुकानदार मुरारी लाल गोयल का कहना है कि जाम के कारण लोग नारकीय जीवन जीने जैसा महसूस करते हैं। क्योंकि शाम को लगने वाला जाम सड़क के उस पार तक जाने के लिए घंटों बीत जाते हैं लेकिन जाम से जूझते लोगों की समस्या किसी को दिखाई नहीं देती तो वही यहां से गुजर रहे राहगीर ने बताया कि जाम के कारण सुल्तानगंज पुलिया से गुजरने का मन नहीं करता लेकिन मजबूरी है इसी वजह से आना पड़ता है।