आगरा। एत्मादपुर के छलेसर में 96 दिनों से चल रही किसानों की धरने के बाद आज किसान सांसद कठेरिया के आवास का घेराव करने के लिए निकले थे लेकिन शहर की सीमा में घुसने से पहले ही बेस्ट प्राइस मॉल के सामने भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के साथ ही मौजूद उपजिलाधिकारी एत्मादपुर और तहसीलदार ने किसानों को रोक दिया। जिसके बाद सभी किसान महिला किसानों सहित राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही बैठ गए।
हाईवे पर किसानों को बैठते देख प्रशासन के हाथ पैर फूल गए जैसे तैसे कर एसडीएम अंबरीश कुमार बिंद और क्षेत्राधिकारी एत्मादपुर अतुल कुमार सोनकर ने किसानों को समझा बुझा कर शांत किया और कहा कि सांसद कठेरिया खुद एटा से लौटकर आ रहे हैं और किसानों की समस्याएं सुनेंगे तो सड़क के एक किनारे बैठा दिया। किसान 5:00 बजे तक सड़क पर बैठकर ही आगरा सांसद रामशंकर कठेरिया के आने का इंतजार करते रहे लेकिन सांसद नहीं आए तो कड़ा विरोध जताते हुए सभी किसानों का धरना स्थल पर पहुंच गए।
करीब 1 घंटे बाद सांसद कठेरिया पूरे दल बल के साथ धरना स्थल पर पहुंचे जहां पहुंचते ही देरी से पहुंचने के लिए माफी मांगते हुए सांसद ने सीधे-सीधे धरना के मुखिया मनोज शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे गंदी राजनीति कर रहे हैं सांसद कठेरिया को बदनाम किया जा रहा है उन्होंने कवरिंग लेटर बनाने से कभी मना नहीं किया फिर भी अखबारों में उनके खिलाफ गलत खबरें निकलवाई गई जबकि धरना रत कोई भी किसान न तो उनके आवास पर पहुंचा और ना कोई भी फोन किया गया। जहां तक बाद कवरिंग लेटर लगाने की है तो वह एक नहीं दस खाली लेटर पैड किसानों को दे देंगे किसान अपनी मांगे उस पर लिख दे वे हस्ताक्षर कर अपना कवरिंग लेटर लगा देंगे। धरना के मुखिया तो विवाद धरने को बनाए रखने पर अड़े हैं।
जब के किसान नेता मनोज शर्मा ने कहा कि सांसद कठेरिया के द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं कठेरिया से संपर्क करने की कई बार कोशिश की गई लेकिन सीएम से मुलाकात कराने के बाद सांसद ने किसानों के कार्य के लिए इच्छाशक्ति नहीं जताई आज भी उन्हें आवास पर जाने से रोका गया। 96 दिनों से एकजुट किसानों को तोड़ने के लिए सांसद ने एक नई राजनीति खेली है। इसलिए किसान को अब किसी की जरूरत नहीं। आवाज किसी भी जनप्रतिनिधि को किसानों की मदद करनी है तो उनके मांग पत्र को लेकर उनकी सुनवाई करवाने का कष्ट करें।