आगरा। अभी हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने देश के सबसे प्रदूषित शहरों के आंकड़े जारी किए हैं जिसमें आगरा को देश के 5 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अनुसार आगरा का एक्यूआई करीब 378 के पास पहुंच गया है। सरकार और सामाजिक संगठनों ने जनता से अपील की है प्रदूषण को रोकने में सरकार की मदद करें एवं खुद भी जागरूक हो।
लेकिन साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि आगरा की जनता में से ही कुछ लोग जो ना ही सरकार की बात मान रहे हैं और ना ही जागरूक हो रहे हैं बल्कि प्रदूषण फैलाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
आज (गुरुवार) अंजुमन होटल के कर्मचारी एनएच 2 के किनारे ही प्लास्टिक का सामान जला रहे थे। जिससे भयंकर काला धुआं निकल रहा था और वातावरण को प्रदूषित कर रहा था। इस घटनाक्रम को मोबाइल में कैद कर लिया और जब हमारे संस्थान के पत्रकार ने कर्मचारियों से इस बारे में बात की तो सभी कर्मचारी बात को टालते हुए नजर आए।
सवाल यही है कि क्या हमें आगरा के वातावरण और आगरा के लोगों की कोई परवाह नहीं है। चाहे हमारे द्वारा इस प्रदूषण से किसी को भी कोई भी नुकसान हो और प्रशासन का भी हमें कोई डर नहीं।
देखना होगा कि आखिर प्रशासन ऐसे लोगों पर कब कार्रवाई करेगा जो वातावरण को प्रदूषित होने से बचाना तो बहुत दूर बल्कि उसको खुद ही प्रदूषित कर रहे हैं।