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कृष्ण जन्मभूमि मामले में आगरा फोर्ट का भी नाम आया सामने, ‘श्री विग्रह’ के दबे होने का किया दावा

by admin
The name of Agra Fort also came up in the Krishna Janmabhoomi case, claimed to be the suppressor of 'Shri Vigraha'

अयोध्या के राम मंदिर विवाद के सुलझने के बाद अब उत्तर प्रदेश के मथुरा में चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में गुरुवार को नया दावा कोर्ट के समक्ष पेश किया गया है।श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत के सामने दलील रखी कि मथुरा के कटरा केशव देव परिसर में ओरछा नरेश वीर सिंह बुंदेला द्वारा बनवाए गए ठाकुर केशव देव के भव्य मंदिर का ‘श्री विग्रह’ आगरा फोर्ट में दीवाने -ए-खास की छोटी मस्जिद की सीढ़ियों में दबा दिया गया है।

जिले की दीवानी जज नेहा बधौतिया की अदालत में चल रहे इस मामले में ठाकुर भगवान की सभी प्रतिमाओं को निकलवाने की मांग की गई। समिति द्वारा किए गए अनुरोध को लेकर सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तारीख निर्धारित की गई है।अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने आगे अदालत में ऐतिहासिक तथ्यों को रखते हुए कहा, ‘बीसवीं सदी में महामना मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से कटरा केशवदेव टीले पर निर्मित भगवान केशवदेव मंदिर और भागवत भवन के निर्माण से पूर्व अंतिम बार ओरछा नरेश ने मुगल सम्राट जहांगीर के शासनकाल में 1618 में अत्यंत विशाल मंदिर बनवाया था। इसे 1669 में तत्कालीन मुगल शासक औरंगजेब ने तुड़वाकर उसके भग्नावशेषों से वहां शाही ईदगाह का निर्माण करा दिया।’

अलावा इसके अधिवक्ता ने कहा कि उसी दौरान औरंगजेब ने मंदिर में मौजूद भगवान केशवदेव के ‘श्रीविग्रहों’ को आगरा के लालकिले के दीवाने-ए-खास में बनी छोटी मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया था।श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि, ‘इससे आज भी करोड़ों अनुयायियों की भावनाएं आहत हो रही हैं। लिहाजा अदालत पुरातत्व विभाग या फिर अन्य वैज्ञानिक विधि अपनाकर ‘श्रीविग्रहों’ को बाहर निकलवाए और कटरा केशवदेव में इन्हें संरक्षित करने संबंधी आदेश करे।’

हालांकि अदालत ने सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 19 अप्रैल निर्धारित कर दी है। गौरतलब है कि समिति की ओर से एक के बाद एक प्रार्थना पत्र लगातार दिए जा रहे हैं। वादी महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी का कहना है कि अदालत इस मामले में 19 अप्रैल को अन्य पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला देगी।

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