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भागवत गीता में आधुनिक विज्ञान तो Stephen hawkins की थ्योरी में छुपा है Black hole का रहस्य!

by admin

आगरा। दयालबाग शिक्षण संस्थान (DEI) के सभागार में डीएआई डायमंड जुबली मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में इंफोसिस होमी बाबा चेयर प्रोफेसर बंगलोर से Prof. Spenta R. Wadia मौजूद रहे। Prof. Spenta ने ब्लैक होल्स, क्वांटम ग्रेविटी और जनरल रिलेटिविटी को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की।

Prof. Spenta ने अपने संबोधन में बताया कि आइंस्टाइन द्वारा प्रतिपादित जनरल रिलेटिविटी थ्योरी के गणितीय सूत्रों में ब्लैक होल तथा क्वांटम मैकेनिक्स की प्रकृति की व्याख्या मौजूद है। उन्होंने बताया कि क्वांटम ग्रेविटी तथा स्ट्रिंग थ्योरी के सिद्धांतों से भी क्लासिकल फिजिक्स और क्वांटम फिजिक्स के बीच के विरोधाभासों को दूर किया जा सकता है। उन्होंने अपने संबोधन में स्टैंडर्ड मॉडल ऑफ कॉस्मोलॉजी की भी परिकल्पना प्रस्तुत की। उन्होंने स्टीफन हॉकिंस की इंफॉर्मेशन पैराडॉक्स का वर्णन करते हुए बताया कि अगर हम ग्रेविटी के अंदर वर्तमान सूक्ष्म पार्टिकल्स की रचना तथा प्रकृति समझ ले तो फिर ब्लैक होल के अंदर के सभी रहस्य को भी समझ सकते हैं।

प्रोफेसर प्रेम सरन सत्संगी ने बताया कि संत परंपरा और भारत के वैदिक शास्त्रों भागवत गीता में सृष्टि की रचना के सिद्धांतों में आधुनिक विज्ञान के समस्त रहस्यों का वैज्ञानिक वर्णन लिखा हुआ है, इसके अनुसार समष्टि-व्यष्टि के सिद्धांतों पर अमल करते हुए हम अनंत की वैज्ञानिक व्याख्या तथा स्प्रिट, माइंड एंड मैटर के बीच संबंधों को बहुत आसानी से समझ सकते हैं। राधास्वामी संतमत के सिद्धांत में उच्च स्तर के आयाम जो कि स्ट्रिंग थ्योरी में बताए गए हैं, उन आयामों से भी कई गुना ज्यादा सरल और वैज्ञानिक प्रस्तुति दी गई है। इस प्रकार संत मत के दर्शनों में आधुनिक क्वांटम साइंस, थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी, स्ट्रिंग थ्योरी आदि सिद्धांतों की व्याख्या बहुत पहले से ही विद्यमान है।

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