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थार गाड़ी में मृतक युवक की घटना का हुआ ख़ुलासा, जीजा ने करवाई थी हत्या, साज़िश जान रह जाएंगे हैरान

by admin

Agra. प्रॉपर्टी के लिए अपने ही अपनों का खून बहा रहे हैं। जमीन-जायदाद के लिए अपने ही रिश्ते तार-तार कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला ताजगंज क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। प्रॉपर्टी के लालच में जीजा ने अपने ही साले की हत्या करा दी। युवक का शव फिरोजाबाद क्षेत्र में थार गाड़ी में मिला था। फिरोजाबाद पुलिस ने छानबीन की तो पता चला युवक आगरा का रहने वाला है। पुलिस ने कड़ियां जोड़ना शुरू किया तो खुलासा हुआ कि मृतक की जीजा ने ही उसकी हत्या कर दी। हत्या की वजह करोड़ों की प्रॉपर्टी निकली।

हत्या का षड्यंत्र फोन से ही किया ऑपरेट

24 वर्षीय कोचिंग संचालक धर्मवीर के मर्डर का खुलासा जब फिरोजाबाद पुलिस ने किया तो सभी हैरान रह गए। हत्यारा उसका सगा जीजा निकला और हत्या की वजह करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी। पुलिस के अनुसार धर्मवीर की हत्या का पूरा षड्यंत्र उसके बड़े जीजा ने अपने दो भाइयों के साथ मिलकर रचा था। घटना के समय धर्मवीर का जीजा योगेश पुणे में था। वह फोन पर ही सारी चीजों को ऑपरेट कर रहा था। योगेश का छोटा भाई अक्षय घटना को अंजाम देने के लिए भोपाल से आया था। बड़ा भाई राजेश शहर में ही था। योगेश और अक्षय दोनों सेना में नौकरी करते हैं। दोनों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया और बड़ा भाई फोन से किस तरह से घटना को अंजाम देना है, यह जानकारी देता रहा।

मृतक अकेला था करोड़ों की प्रॉपर्टी का वारिस

मृतक धर्मवीर अपने घर का अकेला वारिस था। उसने हाल ही में अपनी एक करोड़ की जमीन बेची थी। उसी संपत्ति को हड़पने के लिए जीजा योगेश ने उसकी हत्या अपने भाइयों से करवाई। पुलिस हिरासत में आये राजेश ने पुलिस को बताया, “योगेश की शादी में धर्मवीर ने लगभग 50 लाख रुपये खर्च किए थे। उसके पास काफी पैसा और जमीन थी। उसकी छोटी बहन की शादी मेरे भाई अक्षय से तय हो रही थी। बड़ी बहन पहले ही हमारे घर पर है। ऐसे में हम भाइयों के मन में ख्याल आया कि अगर हम धर्मवीर को मार दें, तो सारी प्रॉपर्टी हमारी हो जाएगी। जिसके बाद हम लोगों ने पूरा प्लान तैयार किया।”

फिल्मी स्टाइल में दिया गया अंजाम

पुलिस के अनुसार आरोपी राजेश ने बताया कि, “प्लान के तहत मैंने छोटे भाई अक्षय को भोपाल से बिना टिकट के आगरा बुला लिया। अक्षय अपनी यूनिट में बिना बताए आगरा आया था। अक्षय 28 जुलाई की रात को आगरा स्टेशन आ गया। उसने तमंचा भोपाल में ही खरीद लिया था। अक्षय ने धर्मवीर को स्टेशन लेने के लिए बुलाया। उसके बाद दोनों फिरोजाबाद जाने वाली रोड से थार गाड़ी से घर जा रहे थे। मैं अपाचे गाड़ी से थार के पीछे-पीछे चल रहा था। हम लोगों ने घर पर नहीं बताया था कि अक्षय आ रहा है। धर्मवीर की गाड़ी अक्षय चला रहा था।”

राजेश ने पुलिस को बताया, ”कुछ दूर चलने के बाद अक्षय ने टॉयलेट जाने के लिए गाड़ी को नगला सिंघी क्षेत्र के ग्वारई गांव के पास रोक दिया। वह गाड़ी से उतर कर पीछे की साइड चला गया और गाड़ी के सारे लॉक खोल दिए। उसके बाद मैंने थार के बगल में अपनी गाड़ी रोकी और दरवाजे को बाहर से खोल दिया। धर्मवीर कुछ समझ पाता, इतनी देर में अक्षय ने गोली चला दी। गोली सीधे धर्मवीर के माथे के बीच में जाकर लगी। उसके बाद मैंने भी गोली चलाई, लेकिन गोली दूसरी साइड से बाहर निकल गई। धर्मवीर के सिर से बहुत खून निकल रहा था। उसकी मौत हो चुकी थी। मैंने बिना देरी के अक्षय को अपनी बाइक पर बैठाया और हम लोग स्टेशन की ओर निकल गए। स्टेशन पर मैंने पहले से ही अपनी स्प्लेंडर गाड़ी को पार्किंग में लगा रखा था। मैं वहां से स्प्लेंडर गाड़ी लेकर घर की ओर निकल गया।” 

फ्लाइट से मुंबई फिर पहुंचा भोपाल

घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी अक्षय फिल्मी स्टाइल में अपनी यूनिट पहुंचा। हत्या को अंजाम देने के बाद स्टेशन से उसने अपाचे गाड़ी उठाई और फिर अपाचे से दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ निकल गया। उसने वहां पर अपनी गाड़ी को पार्किंग में खड़ा कर दिया। उसके बाद फ्लाइट से मुंबई होते हुए भोपाल पहुंच गया। भोपाल में उसने समय से अपनी यूनिट भी ज्वाइन कर ली। ऐसा उसने इसलिए किया, जिससे उसका कोई छुट्टी का रिकॉर्ड न बने। वहीं दूसरी तरफ उसने योगेश को फोन कर सारी जानकारी दे दी।”

10 दिन से रची जा रही थी साजिश

आरोपी ने बताया कि धर्मवीर की हत्या की साजिश लगभग 10 दिनों से रची जा रही थी। पुलिस को कोई सबूत ना मिले इसीलिए फिल्मी स्टाइल में प्लानिंग को तैयार किया गया और उसे अंजाम भी दिया गया। घटना को अंजाम देने के बाद योगेश को पूरी जानकारी दी गई। हत्या करने में प्रयुक्त दोनों तमंचों को भीकनपुर के जंगल में एक ट्यूबवेल के बराबर झाड़ियों में छिपा दिया। फिर घर वापस आ गया।

थानाध्यक्ष कृपाल सिंह ने बताया कि, हमने शक के आधार पर राजेश को हिरासत में लिया था। हमें सूत्रों से जानकारी मिली थी कि इस घटना के पीछे राजेश और उसके दोनों भाई शामिल हो सकते हैं। जब हमने सख्ती से राजेश से पूछताछ की, तो उसने सारा सच बता दिया। तीनों भाइयों पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।

अक्षय ने कोचिंग संचालक धर्मवीर यादव के सिर में बीचोबीच में गोली मारी थी। धर्मवीर का शव सड़क किनारे खड़ी उसकी थार गाड़ी में मिला था। इस गाड़ी को उसने 12 दिन पहले खरीदा था। ड्राइवर की बगल वाली सीट पर शव था। सीट बेल्ट भी लगी थी। कोचिंग संचालक धर्मवीर यादव आगरा के ताजगंज का रहने वाला था। भगवान टॉकीज के पास यादव कोचिंग के नाम से वह कोचिंग चलाता था। धर्मवीर खुद भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसके पिता की मौत दो साल पहले सड़क हादसे में हो गई थी। धर्मवीर ने तीन महीने पहले ही अपनी बड़ी बहन उमा की शादी योगेश से की थी। धर्मवीर की छोटी बहन की शादी की बात अक्षय से चल रही थी।

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