Agra. “भारत देश के दो टुकड़े करने की सोच मोहम्मद अली जिन्ना की नहीं बल्कि वीर सावरकर की थी। जिसे आज भाजपाई सच्चा क्रांतिकारी और देशभक्त मानते हैं। सन 1937 में अहमदाबाद में हुए हिंदू महासभा के सम्मेलन में यह बात रखी थी जिसके बाद इस मुद्दे ने जोर पकड़ा था।” यह कहना था भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई का जो आज आगरा में थे।
सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने आगरा आगमन के बाद सेवा दल के पदाधिकारियों और मुख्य कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। शहर कांग्रेस कार्यालय पर हुई इस बैठक के दौरान उन्होंने सेवादल के कार्यकर्ताओं से खुलकर वार्ता की। सेवा दल की रणनीति और नीतियों से उन्हें रूबरू कराया, साथ ही आगामी कार्यक्रमों पर भी बैठकर चर्चा की।
सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि सेवादल एक बार फिर अपने पुराने स्वरूप में लौट रहा है। कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी सेवादल है। सेवादल का हर कार्यकर्ता देशभक्ति और कांग्रेस की नीतियों से ओतप्रोत है। आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का बड़े से बड़ा पदाधिकारी भी सेवादल में अपनी वापसी चाहता है।
भाजपा पर बोला हमला
भाजपा पर हमला पर होते हुए सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का आदर्श वीर सावरकर जिन्होंने देश के दो टुकड़े करने की बात की। सीता माता का भी उन्होंने अपमान किया। उनके द्वारा लिखी गई किताब में साफ लिखा है कि सीता माता के साथ जो कुछ भी हुआ वह बिल्कुल ठीक हुआ। यानी किसी दूसरे की बातों में आकर सीता माता का जो त्याग किया गया वह ठीक ही था। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता भगवान श्रीराम को पूजता है तो दूसरी ओर वीर सावरकर जो सीता माता का अपमान करते हैं, उन्हें भाजपा अपना आदर्श मानती है।
सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल जी देसाई यहीं नहीं रुके। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि आरएसएस के लोग भगवा उठाते हैं। उनके हाथ में तिरंगा क्यों नहीं होता। अगर वह सच्चे देशभक्त हैं तो तिरंगा होना चाहिए। उनके सच्चे देशभक्त होने पर यही से सवाल खड़े होते है।
लालजी देसाई ने कहा कि महात्मा गांधी ने हिंसा छोड़कर अहिंसा के पथ पर चलकर देश को आजाद कराया लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। जिस ने हत्या की भारतीय जनता पार्टी उसे अपना आदर्श समझते हैं। इसी से पता चलता है कि भाजपाई कितने सच्चे देशभक्त हैं।