Agra. छत्रपति शिवाजी का आगरा से गहरा नाता है। आज ही के दिन छत्रपति शिवाजी महाराज 17 अगस्त 1666 को औरंगजेब को चकमा देकर बंदीगृह से भाग निकले थे और औरंगजेब हाथ मलता रह गया। इस बात को आज 353 साल हो गए हैं। इस स्मृति में अवसर पर महाराष्ट्र से शिवाजी महाराज की सेना के सेनापतियों और सिपहसलारों के चौदहवें वंशज आगरा आये हैं। यह पल उनके लिए बहुत ही भावुक रहा तो छत्रपति शिवाजी के वंशजों का अतिथि सत्कार कर विधायक योगेन्द्र उपाध्याय उत्साहित दिखाई दिए।
सबसे पहले यह दल लाल किला के स्टेट महाराज शिवाजी की प्रतिमा पर पहुंचा जहां पर प्रतिमा का अभिषेक कर उन्हें नमन किया गया और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए उनकी शहादत को याद किया गया। इस दौरान जलती हुई मशाल को भी आगरा से रायगढ़ के लिए रवाना किया गया। इसके बाद शिवाजी के वंशजो को विधायक योगेंद्र उपाध्याय, इतिहासविद डॉ. सुगम आनन्द साथ लेकर उन्हें कोठी मीना बाजार पहुँचे। उन्होंने छत्रपति शिवाजी के वंशजों को दिखाते हुए बताया कि वास्तव में यही वह स्थान है जहाँ मुगल सम्राट औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी को बन्दी बनाया था। यहीं से शिवजी अपने शौर्य, साहस, कार्ययोजना की चतुराई और कार्यान्वयन की क्षमता का विलक्षण परिचय देते हुए कैद से निकल गये थे।
छत्रपति शिवाजी की सेना में रहे प्रमुख स्वतः सलाहकार सरनौबत नरवीर पिलाजी गोल तथा महान सेनानी सरदार कान्होजी जेधे के वंशज मारूति आबा गोले और दिग्विजय जेधे एवं जाधव घराने के वंशज गणेश जाधव और तानाजी मालुसरे के वंशज महेश मालुसरे 72 सदस्यी दल के साथ आगरा आये। उन्होंने लालकिला स्थित शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अभिषेक किया और मशाल लेकर आगे के लिए रवाना हुआ।
बताते चलें कि शिवाजी के सेनापतियों के वंशजों का यह दल शिवाजी के 55 किलों के जलकुंभों का जल लेकर शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अभिषेक करेगा और जिन-जिन स्थानों पर राजगढ़ से आगरा आते समय शिवाजी महाराज ने पड़ाव किया था वहाँ राजगढ़ की मिट्टी और 55 किलों के जल से 2000 वृक्षों का वृक्षारोपण करेंगे। लालकिले के पास स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का जलाभिषेक कर एक मशाल लेकर आगरा से राजगढ़ जायेंगे। ये अपने साथ सिंहासनारूण छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा भी लाया था, जिसका वहाँ पर अभिषेक हुआ और योगेन्द्र उपाध्याय द्वारा प्रज्वलित मशाल को लेकर यात्रा राजगढ़ की ओर रवाना हुई।
इस अवसर पर लालकिला के सामने महाराष्ट्र से आये दल द्वारा छत्रपति शिवाजीकाल की युद्धकला का प्रर्दशन भी किया गया। इस कार्यक्रम के बाद यह दल मीना बाजार की कोठी की ओर रवाना हुआ। वहाँ पर कोठी का अवलोकन किया और अभिभूत होकर उस दल ने उस कोठी की माटी को अपने सिर से लगाकर वन्दन किया। उन्होंने कहा कि यह कार्य पूरा होने पर योगेन्द्र उपाध्याय और डॉ. सुगम आनन्द का अभिनन्दन करेंगे।
भाजपा विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने उन्हें अवगत कराया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयासों से मीनाबाजार की कोठी शीघ्र ही शिवाजी महाराज की प्रेरणा स्थल के रूप में विकसित होगी। आगरा के मुगल एम्पोरियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा गया है। यहाँ के कार्यक्रम के बाद 72 सदस्यी पूरा दल सेवला जाट गांव स्थित तत्कालीन मलूकचन्द सराय (वर्तमान में मलूक चन्द विद्यालय) के लिए रवाना हो गया।
कार्यक्रम में पूर्व महापौर इन्द्रजीत आर्य, विजय गोयल, डॉ0 अलौकिक उपाध्याय, सोनू कर्मचन्दानी, सतेन्द्र तिवारी, प्रमोद मोहन पाण्डे, मुकुल सोवनी, नितिन सोवनी, डॉ0 अविनाश चिवटे और विक्रम मोरे आदि मौजूद रहे।