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श्रावण मास में बह रही शिव महापुराण कथा की रसधार

by admin

आगरा। भोले बाबा चौक, कमला नगर में चल रही शिव महापुराण कथा के अन्तर्गतं आज पं. जय प्रकाश शास्त्री ने कई प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया जिसमें उन्होनें शिव ज्योतिर्लिंग की पूजा कहाँ और कब से प्रारम्भ हुई। भोले नाथ की कृपा से भगवान विष्णु ने नारद जी का अहंकार दूर कर पुनः शिवजी की आराधना के लिए भेजा। गुणनिधि की भक्ति से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें धन का राजा कुबेर बना दिया। बिल्व पत्र की उत्पत्ति और महिमा बताई। भगवान विष्णु की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें भगवान शिव ने सुदर्शन चक्र प्रदान किया।

कार्यक्रम संयोजक एस के मिश्र ने बताया कि आचार्य जी ने शिव विवाह का बहुत ही मार्मिक वर्णन किया। राजा दक्ष के द्वारा अश्वमेध यज्ञ के आयोजन में भगवान शिव का स्थान नहीं देने पर माता पार्वती को अपमान सहना पड़ा। उसके बाद राजा दक्ष भगवान शिव के कोप भजन हुए। शिव विवाह के प्रसंग में भगवान शिव और माता पार्वती के स्वरूप में श्रीकृष्ण मिश्र और आशा मिश्रा थे। कथा में भगवान गणेश के जन्म, और रिद्धि सिद्धि के साथ विवाह का वृहद प्रसंग सुनाया।

कथा में प्रमुख रुप से ओंकारनाथ गोयल, उपेन्द्र चंसौलिया, विनोद त्रिवेदी, योगेश जैसवाल, रवि अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, राजीव शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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