आगरा। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में ताजनगरी का लाल कौशल कुमार रावत भी शहीद हो गए। कौशल कुमार की शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच हुआ है तो परिचित और रिश्तेदारों का संवेदनाये व्यक्त करने के लिए घर में तांता लगा हुआ है। कौशल कुमार की शहादत की खबर सुनकर वृद्ध मां और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है तो पत्नी और बेटे भी गुमसुम हो गए है। कौशल की शहादत की खबर सुनकर शहरवासी शाहिद के घर पहुँच रहे है और शाहिद के परिजनों को सांत्वना देने के साथ शाहिद कौशल के शव के घर आने का इंतजार कर रहे है। शहीद के परिजनों के साथ आम लोगों ने इस हमले की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से बदला लेने की मांग उठा रहे है।
कहरई निवासी कमल किशोर रावत ने बताया कि 47 वर्षीय बड़े भाई कौशल कुमार रावत 1991 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके दो बेटे और एक बेटी है। बेटी की शादी हो चुकी है। बड़े भाई कौशल कुमार रावत गुड़गांव में पत्नी ममता और छोटे बेटे विशाल के साथ रहते हैं। उनका बड़ा बेटा अभिषेक एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। जनवरी के अंत में भाई कौशल की तबादला सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से जम्मू कश्मीर हुआ था। वह ट्रांसफर के बाद 15 दिन की छुट्टी काटकर गुडगांव से 12 फरवरी को नई जॉइनिंग के लिए रवाना हुए। कमल किशोर ने बताया कि बुधवार शाम को उसकी बड़े भाई कौशल कुमार रावत से बात हुई थी। तब उन्होंने कहा था कि मैं रास्ते में हूं। अभी अपने जॉइनिंग पॉइंट पर नहीं पहुंचा हूँ क्योंकि आगे बर्फबारी हो रही है। इसलिए गाड़ियों को रोक दिया है। वैसे सब ठीक-ठाक है लेकिन गुरुवार शाम 7:30 बजे कौशल कुमार रावत की शहादत की खबर मिली।
गांव में शहीद कौशल कुमार रावत की वीरता की चर्चाएं हो रही है तो लोग अपना आक्रोश भी व्यक्त कर रहे है। परिजनों का कहना था कि लगातार हमारे जवान शहीद हो रहे है और सरकार कुछ नही कर रही है। सरकार से मांग है कि पाकिस्तान को घर मे घुसकर जवाब देने का समय आ गया है।
मृतक के भाई का कहना है कि अब तक सैकड़ो जवान शाहिद हो गए हैं। इससे पहले इतने जवान तो नही मारे गए। कम से कम अब तो ठोस कदम उठाकर पाक को खत्म करो।