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कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजनों को मिलेगी सहायता राशि, ये साक्ष्य होंगे जरूरी

by admin
The families of journalists who lost their lives from Corona will get assistance, this evidence will be necessary

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर पत्रकारों के परिवार के लिए एक बड़ा ऐलान किया था ,जिसके तहत कोरोना से मरने वाले पत्रकारों के परिजनों को ₹10 लाख रुपए की सहायता राशि मुहैया कराई जाएगी। वहीं सीएम योगी के आदेश के बाद सूचना विभाग ने कोरोना से जान गवाने वाले पत्रकारों का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। जिसके तहत एक सूची तैयार की जा रही है जिसमें मृतक पत्रकारों के नाम अंकित किए जाएंगे, ताकि उनके परिजनों को सहायता राशि मिल सके।

यहां आपको बता दें कि सरकार ने ऐसा कोई भेदभाव नहीं किया है कि पत्रकार सिर्फ मान्यता प्राप्त होना चाहिए ,बल्कि कोई भी व्यक्ति अगर पत्रकारिता कर रहा है और उसकी कोरोना से मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को यूपी सरकार की ओर से सहायता राशि मिलेगी। ऐसा भी जरूरी नहीं है कि दिवंगत पत्रकार को सरकार की ओर से मान्यता मिली हो तभी उसके परिजनों को यह सहायता राशि मिल सकेगी। लेकिन इसके लिए कुछ साक्ष्यों का होना बेहद जरूरी है। साक्ष्यों के संबंध में सूचना निदेशक ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें निम्नलिखित साक्ष्य मांगे गए हैं-

  1. राज्य मुख्यालय/जनपद मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकार होने की पुष्टि के साथ कोरोना से मृत्यु के प्रमाण पत्र के साथ प्रेस कार्ड की छाया प्रति होना जरूरी है।
  2. गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के संबंध में निम्न अभिलेखों सहित आख्या प्रेषित की जाए-

(I) संस्थान द्वारा निर्गत प्रेस कार्ड एवं नियुक्ति पत्र

(II) संस्थान द्वारा पीएफ/ ईपीएफ या किसी भी प्रकार की कटौती का साक्ष्य
(III) मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रति हस्ताक्षरित कोविड-19 से हुई मृत्यु का प्रमाण पत्र
(IV) न्यूज़ चैनल यदि नियमित नहीं है तो अपलिंकिंग प्रमाण पत्र, समाचार पत्र हेतु डीएवीपी प्रमाण पत्र एवं न्यूज़ एजेंसी हेतु सब्सक्राइबर की सूची तथा सीए द्वारा प्रदत्त टर्नओवर आदि।
(V) यह आवश्यक होगा कि संबंधित पत्रकार का विवरण सूचना कार्यालय में पहले से ही अंकित हो कि वह संबंधित संस्थान का पत्रकार है।
(VI) आर्थिक अहैतुक सहायता कोविड-19 से मृत मीडिया प्रतिनिधि के पति/ पत्नी/ बच्चे को अनुमन्य होगी उनके ना होने की स्थिति में वारिसान को प्रदान की जाएगी।

3. जनपदीय अधिकारी सभी अभिलेखों का विधिवत परीक्षण करने के पश्चात ही मुख्यालय पर आख्या प्रेषित करेंगे।

गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजनों को पांच लाख रुपये की सहयोग राशि प्रदान की थी। वहीं कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान इस बार योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मृतक पत्रकारों के परिजनों को राशि की बढ़ोत्तरी करके 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।

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