आगरा। सोमवार को एक समाज विशेष द्वारा किये गए भारत बन्द आंदोलन के दौरान पत्रकारों पर हुए हमले का विरोध करते हुए भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा आज बुलाई गई। आपातकालीन बैठक में सभी ने पत्रकारों पर हुए हमले की घोर निंदा की। बैठक में सर्व सहमति से समाज विशेष के अगले माह होने वाले विशाल आयोजन की कवरेज का बहिष्कार करने का फैसला पत्रकारों द्वारा लिया गया।
इसके साथ ही पत्रकारों ने कल जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर साथी घायल पत्रकारों और उनके कैमरा उपकरणों की शासन द्वारा क्षतिपूर्ति की मांग करने का भी निर्णय लिया गया।
पत्रकारों का कहना था कि भले ही सरकारों द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा की बाते यदा कदा सुनाई देती हो पर हकीकत में ऐसा नही हैं। लगातार पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और सरकार और प्रशासन मौन है। देश का दर्पण माना जाने वाला चौथा स्तम्भ रोजाना चोटिल हो रहा है। हर जाति वर्ग और वर्ण के उत्थान के लिए प्रयासरत पत्रकारों को खुद को बचाना मुश्किल हो रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर पवन सिंह ने कहा की आज मीडिया में साथियों की संख्या बढ़ी है यह अच्छी बात है पर अब सब को एक साथ जुड़कर रहने की जरूरत है और इस तरह चौथे स्तम्भ पर हमला करने वालों का सामना सब मिलकर ही कर सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार अनुपम पांडे का कहना था कि हमारी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। कल के आंदोलन का कोई नेतृत्व नही था पर जो लोग पीछे से उनका समर्थन कर रहे थे उन्हें अब चेतावनी देना जरूरी हो गया है। ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
वरिष्ठ पत्रकार शिव चौहान ने कहा कि कल पत्रकारों पर हमले की सूचना के बाद कई साथी सिर्फ जानकारी लेने तक सीमित रहे। भविष्य में कभी किसी साथी के साथ कुछ अप्रिय होने की सूचना मिले तो सभी को सारे काम छोड़ कर तुरन्त उस साथी के पास पहुंचना चाहिए। शिव चौहान की इस बात का सभी ने समर्थन किया और भविष्य में साथ मिलकर दुर्घटना का सामना करने की बात कही।
साथी पत्रकार मधुकर चतुर्वेदी ने कहा कि आज पत्रकारों को एक लाबी में लाने की जरूरत है। कोई भी पत्र छोटा या बड़ा नही होता है। लगातार किसी बात का विरोध किसी भी समाचार पत्र द्वारा किया जाएगा तो आवाज लखनऊ के पंचम तल पर पहुंचेगी जरूर और उनकी कुर्सी भी हिल जाएगी।
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष अनूप जिंदल ने साथी पत्रकारों को एकजुट रखने के अपने प्रयास को आगे बढ़ाते हुए भविष्य में छायाकार साथियों के कैमरा और अन्य उपकरणों का निशुल्क बीमा संस्था के द्वारा कराए जाने का प्रयास करने की बात कही।
संस्था के उपाध्यक्ष गौरव बंसल ने कहा कि पत्रकार के पास कोई हथियार नही होता है। उसकी कलम ही उसका हथियार है और वो इसी हथियार से लड़ सकता है। अतः इस बार समाज विशेष के कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा।
बैठक में सर्व सहमति से कल बुधवार को दोपहर 12 बजे जिलामुख्यालय पहुंच कर जिलाधिकारी को ज्ञापन के माध्यम से पत्रकारों के ऊपर हुए हमले के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही और क्षतिपूर्ति के लिए शासन से मुआवजे की मांग की जाएगी।
बैठक में बैठक मे पंकज गुप्ता, शिव चोहान, शोभित चतुर्वेदी, मानवेन्द्र मल्होत्रा, अनिल दीक्षित, पीपी सिंह, वीपी शर्मा, नितिन उपाधयाय, संजय सिंह, सुधीर शर्मा, अविनाश जैसवाल, मनीष गुप्ता, मनोज चाहर, एस पी सिंह, कपिल अग्रवाल, राजकुमार मीना, राजकुमार तिवारी, फरहान, आरती शुक्ला, कोमल सलोनी पाण्डेय, ममता उपाध्याय, संगम चौहान, रमाकांत, अजय यादव, कलीम खान, पवन शर्मा, अरुण श्रीवास्तव, आचार्य शिशु पाल, असलम सलामी, हाशिम, आदित्य, अजीम भर्ती, कौशल शर्मा, राहुल ठाकुर, जस्सी सोनी, बृज भूषण, ब्रज किशोर, लक्ष्मी, राजू, सत्य प्रकाश, मनोज, शिवम प्रजापति, फैज़ान, अशोक गोयल, कामना लवानिया, कपिल अग्रवाल के अलावा बडी संख्या में अन्य पत्रकार मौजूद रहे।