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पारस हॉस्पिटल के चिकित्सक की मुश्किलें बढ़ीं, पीड़ितों को न्याय दिलाएगा युवा अधिवक्ता संघ

by admin
The difficulties of the doctor of Paras Hospital increased, the youth advocate association will give justice to the victims

Agra. ऑक्सीजन मॉकड्रिल मामले में पारस हॉस्पिटल के चिकित्सक अरिंजय जैन की मुश्किलें कम होती हुई नजर नहीं आ रही है। पीड़ितों की लड़ाई के लिए अब 6 अधिवक्ताओं का एक पैनल सामने आया है जो इस नरसंहार में अपनों को खोने वाले लोगों के लिए इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगा।

युवा अधिवक्ता संघ आगरा मंडल की ओर से दीवानी में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में अधिवक्ताओं के साथ समाजसेवी और पीड़ितों ने भाग लिया। पीड़ितों ने अपना दर्द अधिवक्ताओं को साझा किया और सारी व्यथा बताई।

पारस हॉस्पिटल से जुड़े कुछ वीडियो सामने आए थे। इस वीडियो में पारस हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ अरिंजय जैन ख़ुद 5 मिनट की ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर मरीजों की छटनी की बात कह रहे थे। वायरल वीडियो के बाद प्रशासन की ओर से हुई जांच में डॉ अरिंजय जैन को क्लीन चिट दे दी गई जिसके बाद से लोगों में खासा रोष व्याप्त है तो वहीं पीड़ितों को न्याय मिलने की आस भी टूट गई थी लेकिन पीड़ित परिवार आज भी अपनों के लिए न्याय मांग रहे हैं।

पीड़ित परिवारों की आवाज बनने के लिए युवा अधिवक्ता संघ से जुड़े के अधिवक्ता सामने आए हैं जो ऑक्सीजन मॉकड्रिल में जान गंवाने वाले लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। बैठक के दौरान 6 अधिवक्ताओं जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील शर्मा, योगेश लवानिया, नितिन वर्मा, पंकज कुमार अरविंद गौतम और अधिवक्ता अरुण कुमार आदि शामिल है, का पैनल पीड़ितों की कानूनी लड़ाई लड़ेगा।

The difficulties of the doctor of Paras Hospital increased, the youth advocate association will give justice to the victims

पीड़ित अशोक चावला ने बताया कि 26 और 27 अप्रैल को पारस हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ अरिंजय जैन की छोटी सोच के कारण उन्होंने परिवार के दो सदस्यों को खो दिया जिसमें उनके पिता और उनके छोटे भाई की पत्नी शामिल थी। इस मामले में न्यायालय मे 156/3 में मुकदमा दर्ज कराने के लिए 304,120B के तहत प्रार्थना पत्र दिया है।

अधिवक्ता नितिन वर्मा का कहना था कि पारस हॉस्पिटल में 26 और 27 अप्रैल को जो हुआ वह एक नरसंहार था लेकिन जिलाधिकारी की जांच टीम ने इसे नरसंहार नहीं माना और डॉक्टर को क्लीन चिट दे दी जबकि उनकी वायरल वीडियो में वह खुद कह रहे हैं कि 5 मिनट की ऑक्सीजन सप्लाई रोक कर मॉकड्रिल की गई जिसमें 22 गंभीर मरीज छंट गए। जिला प्रशासन से किसी भी तरह की उम्मीद नहीं है। इसीलिए पारस हॉस्पिटल के पीड़ितों को कानूनी लड़ाई से इंसाफ दिलाया जाएगा, इसके लिए युवा अधिवक्ता संघ के अधिवक्ता इस लड़ाई को लड़ेंगे।

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