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चार धाम यात्रा में यात्रियों को ढोने वाले 175 घोड़े और खच्चरों की मौत से हड़कंप

by admin
The death of 175 horses and mules carrying passengers in the Char Dham Yatra stirred up

देहरादून। चार धाम यात्रा में यात्रियों और उनके सामान को ढोने वाले 175 बेजुबान घोड़े और खच्चरों की मौत। ज्यादा कमाई के लालच में मालिकों ने किया अत्याचार। हाईकोर्ट में याचिका के बाद हरकत में आई प्रदेश सरकार।

चार धाम यात्रा में यात्रियों और उनके सामान को ढोने वाले बेजुबान जानवर घोड़े और खच्चरों से जुड़ी एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इन बेजुबान जानवरों के मालिकों द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार और पैसे के लालच में जरूरत से ज्यादा काम लेने के चलते केदारनाथ यात्रा में पिछले दो महीनों में 175 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है जबकि इन जानवरों के द्वारा उनके मालिकों की करोड़ों की आमदनी हो चुकी है।

बताते चलें कि केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों से 1 दिन में सिर्फ एक चक्कर लगवाना चाहिए लेकिन ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में उनके मालिकों द्वारा एक दिन में दो से तीन चक्कर लगवाए गए। जिसके चलते इन बेजुबान जानवरों की मौत हुई। जब यह खबर सुर्खियां बनी तो इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसके बाद बीते दिनों हुए विधानसभा सत्र में विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी यात्रा में इन बेजुबान जानवरों की मौत पर चिंता जताई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल 2,68,858 यात्रियों ने इन बेजुबान जानवरों पर सवार होकर केदारनाथ की यात्रा की। एक ही दिन में जानवरों ने केदारनाथ धाम जाने के लिए 16 किलोमीटर के बजाए 40 से 50 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान 56 करोड़ का कारोबार हुआ। इसके बावजूद इन बेजुबान जानवरों के लिए पैदल मार्ग पर कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि ज्यादा कमाई के होड़ में उनके मालिकों द्वारा बेजुबान जानवरों से दो से तीन चक्कर लगवाए गए। जानवरों को पर्याप्त खाना और आराम भी नहीं दिया गया।

हाई कोर्ट में दायर याचिका और विपक्ष द्वारा उठाए गए इस मुद्दे के बाद प्रदेश सरकार भी हरकत में आई है जिसके बाद उन्होंने पैदल मार्ग पर निगरानी बढ़ा दी है। इस मामले में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि केदारनाथ यात्रा में बेजुबान जानवरों के संचालन के लिए नई योजना पर काम किया जा रहा है। संचालकों से शपथ पत्र भरवाया जाएगा कि वह इन बेजुबान जानवरों से 1 दिन में एक ही चक्कर लगवाएंगे, साथ ही उनके लिए पर्याप्त पौष्टिक चारा की भी व्यवस्था की जाएगी।

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