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इस्लामिया लोकल एजेंसी के चैयरमेन ने शहरी मुफ्ती खूबेब रूमी को किया निष्कासित, मस्जिद में तिरंगा फहराने को बताया था ‘हराम का काम’

by admin
The chairman of Islamia Local Agency expels urban mufti Khubib Rumi, told that hoisting the tricolor in the mosque was 'haram work'

आगरा। आगरा की शाही जामा मस्जिद में अल्पसंख्यक आयोग के प्रदेश अध्यक्ष अशफाक सैफी के नेतृत्व में राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने और राष्ट्रगान बजाए जाने के विरोध में शहरी मुफ़्ती खूबेब रूमी ने अपना एक ऑडियो वायरल किया था। जिसमें उन्होंने तिरंगा फहराए जाने को हराम का काम बताया था। इतना ही नहीं शहरी मुफ़्ती ने इस्लामिया लोकल एजेंसी के चेयरमैन असलम कुरैशी को भी अपने निशाने पर लिया था।

इस मामले में इस्लामिया लोकल एजेंसी के चेयरमैन असलम कुरेशी से जब फोन पर वार्ता कर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि ‘राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की आन बान शान है, शहरी मुफ़्ती ने इसे हराम का काम बता कर तिरंगे का अपमान किया है।’ असलम कुरैशी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि ‘उन्होंने आगरा की शाही जामा मस्जिद से खूबेब रूमी को शहरी मुफ़्ती पद से निष्कासित कर दिया है।’

इस्लामिया लोकल एजेंसी के चेयरमैन असलम कुरैशी ने कहा कि शहरी मुफ्ती खूबेब रूमी सहारनपुर और आगरा की शाही जामा मस्जिद से अवैध तरीके से पैसा ले रहे थे। शहरी मुफ़्ती के लड़के पर भी असलम कुरेशी में आरोप लगाते हुए कहा कि ‘वह जिस थाली में खाता है उसी थाली में छेद करता है। वह आगरा में मदरसे से 50 हज़ार रुपये की तनख्वाह लेता है। उसने ही जानबूझकर सहारनपुर से अपने अब्बू से मेरे ख़िलाफ़ यह ऑडियो वायरल करवाई है।’

असलम कुरैशी ने कहा कि खूबेब रूमी ने आज तक शाही मस्जिद में एक वक्त की भी नमाज़ नहीं पढ़ी। जो भी राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का अपमान करेगा उसके खिलाफ राष्ट्रद्रोह जैसी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। तिरंगा हमारे देश की शान है और हमेशा रहेगा।

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