आगरा। रोडवेज विभाग से भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नही ले रहा है। कोई कर्मचारी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी का निर्वहन नहीं करना चाहता है तो विभाग के कुछ जिम्मेदार आला अधिकारी कर्मचारियों को भ्रष्ट होने पर मजबूर करने लगते हैं। ऐसा न करने पर उनका मानसिक शोषण किया जा रहा है। आगरा रोडवेज में ईदगाह बस डिपो में नियमित परिचालक सुधीर कुमार पुत्र देवानंद के साथ पिछले कुछ दिनों से ऐसा ही हो रहा था जिसकी शिकायत पीड़ित ने क्षेत्रीय प्रबंधक से की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा तो आरएम मनोज त्रिवेदी ने इस पर जांच बिठा दी। रोडवेज अधिकारियों ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और पीड़ित के बयान दर्ज किए। पीड़ित ने जांच अधिकारी के सामने अपना पक्ष रख दिया है और परिचालक को नौकरी से निकालने की धमकी देकर 500 रुपये रिश्वत के रूप में मांग करने वाली ऑडियो भी उपलब्ध करा दी है।
आपको बताते चलें कि पिछले दिनों यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे के बाद से सरकार ने रोडवेज चालक परिचालकों के लिए खास नियम तय कर दिए है और उसकी जिम्मेदारी उच्च अधिकारियों को दी है लेकिन हाल ही में ईदगाह बस डिपो में तैनात परिचालक सुधीर कुमार की एक ऑडियो वायरल हुई थी जिसमें सहायक यातायात निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने पीड़ित को रूट पर चलने के दौरान चोरी करने और उसमें से ₹500 रिश्वत के रूप में देने की मांग की थी। पीड़ित ने ऐसा मना किया तो उस पर नौकरी से निकालने का दबाव बनाया गया। पीड़ित सुधीर कुमार इस समय आगरा जगनेर और तापपुर मार्ग पर परिचालन कर रहा है।
जिस तरह से रोडवेज मैं व्याप्त भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को शोषण किया जा रहा है उससे साफ है कि चालक परिचालक मानसिक तनाव में आकर रोड पर गाड़ी का संचालन करते हैं जिससे किसी ना किसी हादसे का भय बना रहता है। हादसा होने पर चालक परिचालक पर तो कार्रवाई होती है लेकिन ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी जो इमानदारी से ड्यूटी निर्वहन करने वाले चालक परिचालकों पर रोड पर चोरी करने और रिश्वत देने का दबाव बनाते हैं।